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बादाम के साथ काजू भी दिमाग को करता है तेज, लेकिन इसके सेवन की मात्रा....
काजू का नाम आते ही उसका स्वाद मुह में घुलने लगता है। क्योंकि यह हर उम्र के लोगों की खास पसंदीदा सूखे मेवे में एक है काजू और बादाम। अक्सर सुना जाता है कि बादाम खाने से दिमाग तेज होता है। वही इसका दूध की तरह उजला रंग मन को भा जाता है। काजू ताकत का खजाना है।
वैज्ञानिकों ने इस बात की भी पुष्टि की है कि दिमाग तेज करने के लिए जहां बादाम उपयोगी है। वहीं काजू का सेवन काफी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम की मात्रा दिमाग में ब्लड फ्लो को ठीक तरीके से मेंटेन करता है, जिससे दिमाग को सक्रिय रूप से चलाने में मदद मिलती है।
यह लोगों के पसंदीदा ड्रई फ्रूड में से एक है। ज्यादा रुचिकर होने से इसका ज्यादा उपयोग शरीर के लिए नुक्सानदेह भी है। सबसे ज्यादा यह हमारी पाचन क्रिया को प्रभावित करता है और एक बाद पाचनक्रिया बिगड जाय तो सब खाया पिया बेकार हो जाता है ।
ऐसे मे आवश्यक हैै कि हमे यह पता हो कि काजू का सेवन किस उम्र में कितना करना चाहिए। आइये हम पहले इसमें मैाजूद तत्वों के बारे में जान लें।
आमतौर देखा जाता है कि काजू का विशेष उपयोग मिठाइयों में तथा पकवान बनाने मे किया जाता है। वही काजू का उपयोग शरीर में दर्बलता आने पर इसके बहुत ही सीमित मात्रा में किया जाता है। अत्याधिक शारीरिक ़श्रम जैसे जिम आदि जाने वाले लोगों को काजू का उपयोग करना चाहिए।
काजू में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन के साथ ही बसा का खजाना कहा जाता है। वही इसमें मैग्नीसियम तथा मोनो सैचुरेटेड फैट पाया जाता है जो हार्ट रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है। कैल्सियम की मात्रा होने से हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है काजू।
जानकारो कि माने तो अत्याधिक श्रम करने वाले लोगों भी इसका सीमित मात्रा में उपयोग बताया गया है। सूखे मेवे शरीर को अंदर से पुष्ट करते हैं। इससे शरीर में थकान नही आती है।
बच्चों को प्रतिदिन चार से पांच काजू खाने से भरपूर ताकत मिलती है। वही बादाम का सेवन भी बच्चों के दिमागी विकास में सहायक होेता है। लेकिन इसनका उपयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए।