पश्चिम यूपी में वोटिंग का पहला दिन: मथुरा, अलीगढ के मतदाताओं ने चुनाव का बहिष्कार क्यों कर दिया?
Voting Day 1 in West UP: गुरुवार से पश्चिमी यूपी में विधासभा चुनाव का प्रथम चरण प्रारम्भ हो गया, वेस्ट यूपी के 58 सीटों में मतदान चल रहा है दोपहर 12 बजे तक 20% मतदान भी हो चुके हैं। वोटिंग शाम 6 बजे तक जारी रहेगी। कई जिलों में EVM मशीन भी ख़राब होने की सुचना मिली तो कई गावों के लोगों ने वोट का ही बहिष्कार कर दिया। वहीं मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से कुछ लोगों ने बीजेपी के एक एजेंट को छत से नीचे फेंक दिया।
- चुनाव शुरू होने के साथ अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा "न्यू यूपी का नया नारा विकास ही बने विचारधारा"
- मेरठ के किठौर में बीजेपी और सपा के वर्कर्स आपस में भीड़ गए, पुलिस ने बाद में खदेड़ दिया
यूपी के किन जिलों में मतदान हो रहा
मेरठ, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, शामली, मुजफ्फरनगर, मथुरा, अलीगढ और आगरा के 58 विधानसभा में प्रथम चरण का चुनाव चल रहा है। जहां अलग-अलग सीटों से कुल 623 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. 10853 मतदान केंद्रों में वोटिंग जारी है।
लोगों ने चुनाव का बहिष्कार क्यों कर दिया
यूपी में जैसे ही मतदान शुरू हुआ वहीं मथुरा और अलीगढ के कुछ गावों के लोगों ने चुनाव का ही बहिष्कार करना शुरू कर दिया। मतदाताओं का कहना है कि उन्हें इस चुनाव में वोट ही नहीं डालना है। आरोप है कि सरकार ने ग्रामीणों की कभी सुनी ही नहीं
अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट के वोटर्स ने भी वोट डालने से इनकार कर दिया। कुछ पुराने जमीनी विवाद को लेकर लोग वोट ना डालने की बात कह रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग उठाई है कि अधिकारी पहले मौके पर आएं और हमारे जमीनी मसलों को निपटाएं तभी गांव में मतदान होगा। गाँव के 2200 वोटर्स ने वोट डालने का बहिष्कार किया है। कहा जा रहा है कि कुराना गांव में पंचयात की 23 बीघा जमीन को पड़ोस के गांव वालों ने अपने कब्जे में ले लिया है।
मथुरा में मांट विधानसभा के गांव नगला संपेरा में गांव के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया है। इस घटना के बाद SDM भी मौके पर गए और लोगों को वोटिंग के लिए मानने की कोशिश की। इस गाँव के लोगों का कहना है कि पूरे गाँव में संपेरा जाती के लोग रहते हैं जो ST-SC हैं लेकिन उन्हें आरक्षण के दायरे से बाहर रखा गया है। गांव वाले कलेक्टर को बुलाकर अपनी मांग रखना चाहते हैं। उनका कहना है कि जबतक उनकी मांगे पूरी नहीं होती वो वोट नहीं डालेंगे।