दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना को लेकर क्या कहा?
Delhi High Court On Agneepath scheme: दिल्ली HC ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि Agneepath Yojana एक राष्ट्रहित की स्कीम है और सरकार के इस फैसले में दखल देने की कोई जरूरत नहीं है.
गौरतलब है कि सेना में 4 साल की नौकरी देने वाली अग्निपथ योजना के खिलाफ कई नेताओं और अन्य लोगों ने हाईकोर्ट दिल्ली में याचिका दायर की थी. अग्निपथ योजना को देश के खिलाफ और सेना को कमजोर करने जैसे आरोप लगाए गए थे. हालांकि इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ के खिलाफ आने वाली सभी याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है
अग्निपथ राष्ट्रहित की योजना है: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोट में इस मामले की सुनवाई करने वाली बेंच ने कहा- अग्निपथ योजना सेना की बेहतरी और राष्ट्रहित में लिया गया फैसला है। इसलिए सरकार के फैसले में कोर्ट के दखल देने की कोई वजह नहीं दिखती।
गौरतलब है कि 15 दिसंबर 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार की दलीलें सुनने का बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर किसी को अभी भी कोई आपत्ति है तो वो अपनी लिखित दलीलें दाखिल कर सकता है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी, इसमें जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद भी शामिल थे।
बता दें कि पिछले साल 14 जून 2022 को सरकार ने अग्निपथ योजना को पेश किया था. जिसमे साढे 17 साल से लेकर 21 साल तक की उम्र के युवा ही इसमें अप्लाय कर पाएंगे और उन्हें चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा। सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया था। भर्ती किए गए लोगों में से 25% को नियमित सर्विस के लिए चुना जाएगा। इस स्कीम की घोषणा होने के बाद देश के कई हिस्सों में युवाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया था।