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क्या साक्षी मलिक ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ चल रहे आंदोलन से नाम वापस लिया और रेलवे में नौकरी करने चली गईं?

क्या साक्षी मलिक ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ चल रहे आंदोलन से नाम वापस लिया और रेलवे में नौकरी करने चली गईं?
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बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के प्रदर्शन से साक्षी मलिक ने अपना नाम वापस ले लिया है

Sakshee Malikkh withdrew from the movement against Brij Bhushan Singh: WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का आंदोलन कमजोर पड़ गया है. प्रमुख प्रदर्शनकारियों में से एक साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन से भी नाम वापस ले लिया और वापस अपनी रेलवे की नौकरी में लौट गई हैं. ये बात न्यूज़ चैनलों और न्यूज़ पोर्टल में दिखाई जा रही है

दावा किया जा रहा है कि करीब एक महीने तक अपनी नौकरी से अब्सेंट रहकर साक्षी मलिक जंतर मंतर में बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना दे रही थीं. इस बीच उनकी नौकरी पर संकट मंडराने लगा. दो दिन पहले अमित शाह ने साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट के साथ मीटिंग की जिसके बाद इस आंदोलन के समीकरण बदल गए.

साक्षी मालिक ने आंदोलन से अपना नाम वापस लिया

रिपोर्ट्स के मुताबिक गौरतलब है कि साक्षी मलिक ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ चल रहे पहलवानों के प्रदर्शन से अपना नाम वापस ले लिया है. WFI के पूर्व अध्यक्ष पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली साक्षी ने उन्हें जेल भेजने की कसमें खाई थी. लेकिन जब आंदोलन कमजोर पड़ने लगा तो साक्षी को अपनी नौकरी बचाने की सुध आ गई. अब प्रदर्शनकारियों में सिर्फ बजरंग पुनिया और विनेश फोगट बचे हैं. एक दिन पहले बजरंग पुनिया ने कहा था कि साक्षी मलिक और विनेश में हिम्मत नहीं बची है

साक्षी ने यह फैसला तब लिया है जब बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग रेसलर ने अपना बयान वापस ले लिया। कहा जा रहा है कि जिस नाबालिग लड़की ने बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाकर उनके खिलाफ POCSO Act लगवाया था उसने दिल्ली की कनॉट प्लेस थाने में जाकर अपना बयान वापस ले लिया है और कोर्ट में पेश होकर इसकी जानकारी दे दी है.

हालांकि साक्षी मलिक ने इस तरह की खबरों का खंडन किया है. साक्षी ने ट्वीट करते हुए AAJTAK न्यूज़ चैनल की खबर को झूठ बताया है और कहा है कि - ये खबर बिलकुल ग़लत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए।


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