निष्पक्ष जांच के लिए ST-SC जजों की मांग कर रहा था लोकेन्द्र गुर्जर! सुप्रीम कोर्ट ने 10 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया
लोकेन्द्र गुर्जर सुप्रीम कोर्ट 10 लाख का जुर्माना: देश में ऊंची-नीची जाति की राजनीति करने वालों की कोई कमी नहीं है. न्यायपालिका ही सिर्फ एक संसथान है जहां किसी की जाति-धर्म को नहीं सिर्फ संविधान और कानून के तहत फैसला सुनाया जाता है. लेकिन जाति में लोगों को बांटने वालों ने सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी मानसिकता का प्रदर्शन कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जात-पात फ़ैलाने वाले सो कॉल्ड नेता पर 10 लाख रुपए का जुर्माना ठोंक दिया।
लोकेन्द्र गुर्जर पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 10 लाख रुपए का जुरमाना
बात हो रही है लोकेन्द्र गुर्जर नाम के एक नेता की जो खुद को OBC/SC-ST को न्याय दिलाने का दावा करता है. ये भाईसाब सुप्रीम कोर्ट गए और वहां जजों की बेंच के समक्ष अपील करते हुए मांग उठाई कि OBC प्रकरणों की निष्पक्ष जांच के लिए SC-ST जजों की नियुक्ति की जाए. लोकेन्द्र गुजर्र की सोच यह थी कि मामला OBC से जुड़ा है तो इसकी निष्पक्ष जांच सर्फ ST-SC जज ही कर सकता है गैर SC-ST नहीं कर सकता।
Tweeter Storm
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) July 19, 2023
#SupportLokendraGurjar
एक आदमी क्या कर सकता है, इसका उदाहरण हैं लोकेंद्र गुर्जर। उन्होंने ये केस सुप्रीम कोर्ट तक लड़ा कि ओबीसी और सवर्णों के बीच ओबीसी 27% कोटा का झगड़ा है इसलिए निष्पक्ष जज यानी एससी-एसटी के जज केस की सुनवाई करें।
नाराज़ होकर सुप्रीम कोर्ट ने… pic.twitter.com/pI33AOQdg3
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने लोकेंद्र गुर्जर की इस मांग को सुनते ही भड़क गई और याचिकाकर्ता को तगड़ी फटकार लगाते हुए इसे न्यायपालिका की अवहेलना करार देते हुए 10 लाख रुपए का जुर्मना लगा दिया।
दरअसल मामला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर से जुड़ा हुआ है. हाईकोर्ट जबलपुर में OBC आरक्षण के चल रहे 80 से ज्यादा प्रकरणों की सुनवाई के लिए लोकेन्द्र गुर्जर ने न्यूट्रल बेंच गठित करने की मांग उठाई थी. हाईकोर्ट ने 20/3/2023 को यह याचिका ख़ारिज कर दी थी.
प्राकृतिक न्याय और निष्पक्ष बैच क़ी मांग क़ी याचिका पर भड़का सुप्रीम कोर्ट लोकेंद्र गुर्जर ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल करके जबलपुर हाईकोर्ट मे न्यून्ट्रल बैच गठित करने क़ी मांग क़ी थी ! हाईकोर्ट जबलपुर मे ओबीसी प्रकरणों की न्यून्ट्रल बैच क़ी… pic.twitter.com/w7MRcA0CFa
— Lokendra Gurjar लोकेन्द्र गुर्जर (@lokendragurjar) July 17, 2023
लोकेन्द्र गुर्जर ने जबलपुर हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया सुप्रीम कोर्ट में एस एल पी (c) 9682/2023 दाखिल कि गई। जिसकी सुनवाई दिनांक 17/7/2023 को हुई. जस्टिस ऋषिकेश और जस्टिस पंकज मित्तल के सामने बहस शुरू हुई.
बेंच ने लोकेन्द्र गुर्जर से कहा- आप इसी वक़्त अपनी याचिका वापस लेलें वरना भारी जुर्माने के साथ याचिका ख़ारिज की जाएगी। तब लोकेन्द्र गुर्जर के वकील उदय कुमार ने कहा- आप जितना भी जुर्मना लगाना चाहते हैं लगा दीजिये मगर मुझे बहस करने दीजिये। सुप्रीम कोर्ट की बेंच भड़क गई और जुर्माने की रकम 15 हजार से बढ़ते-बढ़ते 10 लाख रुपए तक पहुंच गई.
मध्य प्रदेश में OBC को 27% आरक्षण दिया जा रहा है जो कानून और संविधान दोनों के खिलाफ है. कानून कहता है कि कहीं भी 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं हो सकता लेकिन यहां आरक्षण 73% तक पहुंच गया है. लोगों ने OBC के 27% वाले आरक्षण के खिलाफ ही जबालूर हाईकोट में याचिका लगाई थी और लोकेन्द्र गुर्जर OBC वर्ग की तरफ से याचिकर्ता बने हैं जो चाहते हैं कि मामला OBC से जुड़ा है तो सुनवाई करने वाला जज ST-SC ही हो तभी निष्पक्ष जांच होगी
अब लोगों से पैसे मांग रहा
समाज के लोगो की सलाह के अनुसार हम ने सभी ओबीसी एससी-एसटी के लोगों की लड़ाई लड़ी है तो हम लोगों को ₹1 चंदा देकर के ये जुर्माना भरना चाहिए इसलिए में अपनी UPI I'd लोगो को शेयर कर रहा हूँ मेरा Phone pay, Google Pay, Paytm No- 9893191417 है एवं उनका खाता SBI का है जिसका खाता क्रमांक…
— Lokendra Gurjar लोकेन्द्र गुर्जर (@lokendragurjar) July 20, 2023
लोकेन्द्र गुर्जर पर 10 लाख रुपए का जुर्मना लगा तो भी उसकी अकड़ कम नहीं हुई. गुर्जर ने अपनी न्यूट्रल बेंच की मांग को OBC वर्ग की आवाज करार देकर आम लोगों से पैसों की मदद मांगना शुरू कर दिया। अब लोग उसे पैसे भेज रहे हैं ताकि वो कोर्ट द्वारा लगाया गया जुर्माना भर सके
कोर्ट में जाकर जातिवाद लोकेन्द्र गुर्जर कर रहा है लेकिन उसके समर्थक सुप्रीम कोर्ट के जजों को जातिवादी कह रहे हैं. Dilip Mandal नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है कि जातिवाद ने जजों को अंधा कर दिया है.
जातिवाद ने जजों को अंधा बना दिया है। ओबीसी मामले में निष्पक्ष यानी एससी-एसटी जजों की बेंच की माँग करने पर सुप्रीम कोर्ट ने @lokendragurjar पर ₹10 लाख का जुर्माना लगाया।
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) July 19, 2023
लंदन यूनिवर्सिटी के @arvind_kumar__ की राय है कि ओबीसी के 10 लाख लोगों को ₹1 करके चंदा देकर ये जुर्माना… pic.twitter.com/sXQNxVXv1O
लोकेंद्र गुर्जर ओबीसी महासभा के क्रांतिकारी राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य है समाज के गौरव हैं उन्होंने जातिवादी न्यायपालिका को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के नाराज़ जजों ने उन पर जुर्माना लगा दिया है। हम सभी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। #SupportLokendraGurjar pic.twitter.com/wb9NkhMkVf
— OBC Rakesh Singh Lodhi (@MPARMYCHIEF) July 19, 2023