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संसद में अब लॉलीपॉप, गिरगिट, दलाल, बॉबकट जैसे दर्जनों शब्दों का इस्तेमाल होगा असंसदीय
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असंसदीय शब्दों की लिस्ट: भारत की संसद में 18 जुलाई से मानसून सत्र शुरू होने वाला है, सत्र शुरू होने के पहले लोकसभा सचिवालय ने लोकसभा और राजयसभा में बैठने वाले सदस्यों के लिए दर्जनों शब्द और मुहावरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. इन शब्दों और मुहावरों का इस्तेमाल असंसदीय करार दिया गया है. अब से अगर कोई नेता दूसरे नेता को लॉलीपॉप, दलाल, शकुनि, जयचंद, बॉबकट, निकम्मा कहता है तो उसे गलत माना जाएगा।
इंडियन पार्लियामेंट में नेता लोग एक दूसरे को क्या-क्या नहीं कह देते, कोई किसी को चोर कह देता है तो तो किसी को भक्त और चमचा कहा जाता है, कुछ नेताओं को बालबुद्धि कहकर सम्बोधित किया जाता है. ऐसे में जनता के द्वारा चुने गए सांसदों का अपमान होता है और संसद की गरिमा धूमिल होती है. इसी लिए लोकसभा सचिवालय ने कुछ शब्दों और मुहावरों के इस्तेमाल को गलत और असंसदीय करार दिया है
लोकसभा सचिवालय ने किन शब्दों को असंसदीय शब्द बताया
Unparliamentary words List: सब से भारतीय संसद में बहस के दौरान नेता, गिरगिट, गुंडे, असत्य, अहंकार, स्नूपगेट, शर्मिंदा, रक्तपात, धोखा, काला दिन, दलाल, दादागिरी, दोहरा चरित्र, खरीद, फरोख्त बेचारा, लॉलीपॉप, खूनी, धोखा, शर्मिंदा, दुर्व्यवहार, विश्वासघात, संवेदनहीन, मूर्ख, बहरी सरकार, यौन उत्पीड़न, चिलम लेना, अक्षम, झूठ, अराजकतावादी,कोयला चोर, , असत्य, गदरढिंढोरा पीटना, जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, कोविड स्प्रेडर, अपमान, गधा, गुंडागर्दी, पाखंड , चमचा, चमचागिरी, बचकाना, भ्रष्ट, कायर, मगरमच्छ के आंसू, शकुनि, तानाशाही, जयचंद, विनाश पुरुष, खालिस्तानी, बॉबकट, खून से खेती, निकम्मा, नौटंकी जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. अगर किसी नेता ने इस शब्दों और मुहावरों का इस्तेमाल किया तो ना सिर्फ इसे असंसदीय माना जाएगा बल्कि उसकी निंदा होगी।
विपक्ष बोला अब सरकार की आलोचना कैसे करेंगे
गौरतलब है कि लोकसभा सचिलावय ने लॉलीपॉप, बॉबकट, जयचंद, दलाल, गुंडा, विनाश पुरुष, निकम्मा, चमचा, कोवीड स्प्रेडर जैसे शब्दों को असंसदीय बताया यह समझ में आता है. लेकिन चोर, धोखा, अपमान, विश्वासघात, अराजक, तानाशाही जैसे शब्दों को असंसदीय कहना समझ से परे है. अब कोई नेता भ्रष्टाचार करेगा तो उसे विश्वासघाती नहीं कहेंगे तो क्या बोलेंगे? ऐसे में विपक्ष ने असंसदीय शब्दों को लेकर विरोध किय है. विपक्ष का कहना है कि अगर यह सब शब्द असंसदीय हैं तो फिर सरकार की आलोचना करने के लिए कुछ बचा ही नहीं।
ऐसे में TMC के नेता डेरेक ओ ब्रायन का कहना है कि मैं तो ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना बिलकुल जारी रखूँगा, मुझे निलंबित कर देना है तो कर दीजिये मैं अपने हक़ की लड़ाई लड़ता रहूँगा।