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पाकिस्तान की जेल में 13 साल कैद रहे राजू की हुई घर वापसी
शहडोल : रोजी-रोटी की तलाश में घर से 13 साल तक पाकिस्तान की जेल में कैद रहा। रास्ता भटक जाने के कारण वह पाकिस्तान पहंुचकर जहां उसे जेल में कैद रखा गया। पाकिस्तान की जेल से शहडोल के राजू गुप्ता उर्फ रावेंद्र की वापसी हो गई है। शनिवार को जब राजू शहडोल पहुंचा तो मुख्यालय डीएसपी वीडी पांडेय व सोहागपुर थाना प्रभारी सुदीप सोनी के अलावा कई पुलिस अधिकारियों ने राजू का माला पहनाकर स्वागत किया। राजू अमृतसर से शहडोल शुक्रवार.-शनिवार की दरम्यानी रात ढाई बजे शहडोल पहुंचे। उनको लेने के लिए राजू का चचेरा भाई संतोष गुप्ता और राजू का छोटा भाई अमृतसर एक सब इंस्पेक्टर के साथ अमृतसर गए थे। बरेली गांव का रहने वाला राजू उर्फ रावेंद्र गुप्ता लगभग 13 साल पाकिस्तान की जेल में कैद रहा। अब उसकी घर वापसी हो पाई है।
भटककर पहुंच गया पाकिस्तान
राजू गुप्ता बरेली गांव से 2002 में अपना घर छोड़कर सूरत, गुजरात रोजी रोटी के सिलसिले में गया था जहां से वह रास्ता भटककर पाकिस्तान पहुंच गया। इसके बाद उसे लाहौर की जेल में कैद करके रखा गया। जेल में राजू को इतनी प्रताड़ना दी गई कि उसकी याददाश्त काफी कम हो गई । साथ ही उसकी आवाज भी गुम हो गई। राजू अपने चाचा के बेटे संतोष के घर शहडोल में ही रात को आने के बाद ठहरा हुआ है। इससे मिलने दिन भर लोग आते जाते रहे।
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राजू के परिजनों ने बताया कि उसके शरीर में जो निशान मां ने उन्हें बताए थेए उससे ही पहचान की गई कि वह राजू ही है। राजू उर्फ रावेंद्र 2002 में वह यहां से परिवार से नाराज होकर सूरत के लिए चला गया था तब से वह वापस नहीं आया। इसके बाद 2014 में एक चिट्ठी आई जिसमें राजू के बारे में पता बताया जाता है। संदेह होने पर गांव के सरपंच ने उस पत्र को लौटा दिया था। बाद में स्वजनों को पता चला था तो फिर से वह कागजी कार्रवाई की गई। वर्ष 2021 में फिर से एक पत्र आता है कि राजू उर्फ राजेंद्र जो कि पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद है और वह भारत आ चुका है।
शहडोल में संतोष गुप्ता के घर पर राजू से मिलने के लिए डीएसपी व थाना प्रभारी पहुंचे और माला पहनाकर स्वागत किया है। प्रतिष्ठित व्यवसायी राजेश गुप्ता ने भी राजू से मुलाकात की।