बालासोर रेल हादसा: तीन रेल अधिकारी गिरफ्तार! CBI ने गैर-इरादतन हत्या और सबूत मिटाने का केस दर्ज किया
Odisha Rail Accident Update: ओडिशा रेल हादसा मामले में सीबीआई ने तीन रेल अधिकारीयों को गिरफ्तार किया है. इन तीनों अधिकारीयों पर गैर इरादतन हत्या और सबूत मिटाने का मामला दर्ज किया गया है. FIR में लिखा गया है कि इन तीनों आरोपियों को मालूम था कि इनके काम से बड़ी रेल दुर्घटना घटित हो सकती है बावजूद इन्होने बड़े अफसरों को इसकी जानकारी नहीं दी, बल्कि अपनी गलती छिपाने के लिए सबूत मिटा दिए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक इन तीनों आरोपियों को पहले से ही पता था कि इनके काम की वजह से ट्रेन हादसा हो सकता है. आरोपियों में अरुण कुमार महंता ईस्टर्न रेलवे में सिग्नल और टेलिकॉम विभाग में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर हैं
अरुण कुमार उस पैनल में शामिल थे जिसने दुर्घटना के बाद पहली जांच रिपोर्ट तैयार की थी. यहां गौर करने वाली बात ये है कि जांच रिपोर्ट पर अरुण कुमार ने अपनी आपत्ति जताई थी. और अब वो खुद की आरोपी बन गए हैं. तीनों आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 304. गैर इरादतन हत्या का आरोप और IPC की धारा 201. सबूतों से छेड़छाड़ और गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है.
बालासोर रेल हादसा
गौरतलब है कि 27 जून को CRS ने इस हादसे की जांच रिपोर्ट सरकार को दी थी. इस रिपोर्ट में दो विभागों के स्टेशन स्टाफ को जिम्मेदार बताया गया है. कहा जा रहा है कि सिग्नल फेलियर की वजह से यह हादसा हुआ और सिंगल में खराबी बिना मानवीय हस्तक्षेप के नहीं हो सकती। भले ही ओडिशा रेल हादसे को जानबूझकर अंजाम नहीं दिया गया है मगर रेलवे अधिकारियों की लापरवाही की वजह से 292 लोगों की जान चली गई है.
बता दें कि 2 जून को बालासोर रेलवे स्टेशन के निकट कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. इसके बाद ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इसी दौरान दूसरे ट्रैक से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस कोरोमंडल डिब्बों से टकरा गई. इस घटना में 292 लोगों की मौत हुई और एक हजार से ज्यादा यात्री घायल हुए.