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सात वर्षीय बालिका ने निगल लिया था पांच का सिक्का, डाॅक्टर ने बगैर आपरेशन अनोखी ट्रिक से निकाला बाहर
छतरपुर में एक सात वर्षीय बालिका ने खेल-खेल में पांच का सिक्का निगल लिया। जिसको परिजनों द्वारा जिला चिकित्सालय ले जाया गया। अस्पताल के सर्जन डाॅ. मनोज चौधरी द्वारा बगैर आपरेशन किए गए उस सिक्के को अनोखी ट्रिक से सकुशल बाहर निकाल दिया गया। उनके द्वारा इस अनोखी पद्धति बगैर आपरेशन सिक्का बाहर निकालने का कोई पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व भी लगभग 100 से ज्यादा सिक्के उनके द्वारा बाहर निकाले जा चुके हैं।
क्या है मामला
मामला छतरपुर जिले के ग्राम मदनी वार का बताया गया है। यहां रहने वाली सात वर्षीय विशाखा पिता बुद्ध सिंह यादव ने 26 जनवरी को खेल-खेल में पांच रुपए का सिक्का मुंह में रखकर खेलने में व्यस्त हो गई। इसी दरमियान यह सिक्का उसके गले में उतर गया। गले और श्वांस नली में यह सिक्का फंस गया था। परिजनों द्वारा इसे निकालने का प्रयास भी किया गया किंतु वह इसमें असफल रहे। तब वह बच्ची को लेकर देर रात जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डाॅ. मनोज चैधरी द्वारा बगैर आपरेशन किए सिक्के को बाहर निकाल लिया गया।
अनोखी ट्रिक से निकालते हैं सिक्का
बताया गया है कि एमबीबीएस डाॅ. मनोज चौधरी छतरपुर जिला अस्पताल में पदस्थ हैं। उन्होंने बताया कि फोली कैथेटर और दस एमएल की एक सिरिंज की मदद से गले में फंसे सिक्के को उनके द्वारा निकालने में प्रयोग किया जाता है। इसके पूर्व मरीज की एक्सरे करवाई जाती है। जिससे यह अंदाजा लग जाता है कि सिक्का गले में किस स्थान पर अटका हुआ है। जिसके बाद मरीजों को यूरिन रिलीज कराने के काम में आने वाली रबर की छोटी सी नली के एक सिरे को मरीज के गले में डाली जाती है। जो गले फंसे सिक्के के नीचे तक पहुंच जाती है। जिसके बाद दस एमएल की सिरिंज से पंप कर नली में हवा भरते हैं। जिससे गले की अंदर वाली नली का सिरा गुब्बारे की तरह हो जाता है। जिसके बाद आराम से नली को बाहर खींचा जाता है। जिसके चलते फूली हुई नली के साथ फंसा हुआ सिक्का भी आराम से बाहर निकाल लिया जाता है।