छतरपुर

बहुमंजिला बिल्डिंगों के निर्माण में नियमों की हो रही अनदेखी

News Desk
4 March 2021 12:06 AM IST
बहुमंजिला बिल्डिंगों के निर्माण में नियमों की हो रही अनदेखी
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छतरपुर। नगर पालिका छतरपुर के द्वारा शहर की तीन विवादित बहुमंजिला इमारतों को बगैर टीएण्डसीपी विभाग की अनापत्ति लिये ही अनुमति प्रदान कर दी गई। यह स्वीकृति नगर पालिका छतरपुर द्वारा वर्ष 2015, 2016 एवं 2018 में प्रदान की गई है। तीनों भवनों को निर्माण स्वीकृति देते समय नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा अनुमोदित नक्शे पर ध्यान नहीं दिया गया, न ही नियम कानून की समीक्षा की गई। अब नगर पालिका इन्हीं निर्माण स्वीकृतियों को आधार बताकर छत्रसाल चैक के समीप रूसिया बिल्डिंग, रिकांडो बिल्डिंग एवं निर्माणाधीन अग्रवाल बिल्डिंग के द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। 

छतरपुर। नगर पालिका छतरपुर के द्वारा शहर की तीन विवादित बहुमंजिला इमारतों को बगैर टीएण्डसीपी विभाग की अनापत्ति लिये ही अनुमति प्रदान कर दी गई। यह स्वीकृति नगर पालिका छतरपुर द्वारा वर्ष 2015, 2016 एवं 2018 में प्रदान की गई है। तीनों भवनों को निर्माण स्वीकृति देते समय नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा अनुमोदित नक्शे पर ध्यान नहीं दिया गया, न ही नियम कानून की समीक्षा की गई। अब नगर पालिका इन्हीं निर्माण स्वीकृतियों को आधार बताकर छत्रसाल चैक के समीप रूसिया बिल्डिंग, रिकांडो बिल्डिंग एवं निर्माणाधीन अग्रवाल बिल्डिंग के द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार रिकांडो बिल्डिंग के संचालक का सामने आया है जिसमें कृष्णा देवी अग्रवाल को वर्ष 2018 में निर्माण स्वीकृति जारी की गई थी। उक्त बिल्डिंग का निर्माण बगैर टीएनसी की अनापत्ति लिये शुरू कर दिया गया। जबकि बिल्डिंग के निर्माण में तमाम खामियां सामने आई थीं जिस पर नगर पालिका द्वारा 22.12.20 को नोटिस जारी की गई थी। लेकिन मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

सटई रोड की अग्रवाल बिल्डिंग पर तो नजूल की जमीन पर कब्जे और बगैर टीएनसी की अनापत्ति लिये निर्माण कराने के आरोप हैं। नपा द्वारा नोटिस जारी की जा चुकी है, इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। मामले में नगर पालिका छतरपुर के सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया का कहना है कि तीनों भवनों के संबंध में टीएनसी, पीडब्लूडी एवं अन्य जिम्मेदार विभागों से नियमों की जानकारी मांगी गई है। जानकारी प्राप्त होने पर भवन निर्माण को लेकर जारी की गई अनुमति के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।

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