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MP News: आरोपी ने दांत से युवक की नाक काटकर हाथ में थमा दी, कान भी काटने की दी धमकी
जमीनी विवाद की पुरानी रंजिश एक युवक को भारी पड़ गई। अपने दांत से आरोपी द्वारा युवक की नाक काटकर उसके हाथ में थमा दी गई। इसके साथ ही उसने कान भी काटने की धमकी दे डाली। मामले की शिकायत युवक द्वारा थाने में की गई है। पीड़ित का कहना है कि उसकी जान को खतरा है। उसका उपचार जिला अस्पताल में किया जा रहा है।
क्या है मामला
मामला छतरपुर के पिपट थाना क्षेत्र अंतर्गत गंज सिजारी गांव का बताया गया है। यहां के रहने वाले मानिकलाल पिता रंजीत अहिरवार 32 वर्ष ने आरोप लगाया है कि घसीटा अहिरवार उम्र 50 वर्ष द्वारा उसकी जमीन पर कब्जा करते हुए मकान का निर्माण करा लिया गया है। जिसकी शिकायत उसके द्वारा थाने में दर्ज कराई गई थी। तब से घसीटा बौखला गया था। उसके द्वारा यह धमकी भी दी गई थी कि तेरे नाक-कान काट लेंगे। मामला 25 फरवरी का बताया गया है। पीड़ित के मुताबिक वह खंभे पर चढ़कर अपनी लाइट सुधार रहा था। इसी दौरान घसीटा मौके पर पहंुचकर उसके साथ गाली गलौज करने लगा। इस दौरान पीड़ित भी खंभे से नीचे उतरकर विरोध करने लगा तो घसीटा ने अपने दांत से उसकी नाक काट डाली और हाथ में थमा दी। उसने यह भी धमकी दी कि तेरी नाक को तो काट दिया है अब कान काटने की बारी है।
रिस्क पर पीड़ित ने जुड़वा ली नाक
पीड़ित मानिकलाल द्वारा घटना दिनांक की शाम को डॉक्टर के पास जाकर पट्टी करवा ली थी। इसके अगले दिन वह 26 फरवरी को उसने थाने में शिकायत दर्ज करवाई और फिर नाक जुड़वाने के लिए अस्पताल पहुंच गया। जहां पर चिकित्सक ने पीड़ित से कहा कि समय ज्यादा हो गया है नाक जोड़ने में रिस्क है। जिस पर मानिकलाल ने अपनी रिस्क पर नाक जुड़वाई। चिकित्सक का कहना है कि यदि कुछ दिन में नाक नहीं जुड़ पाती है तो फिर प्लास्टिक सर्जरी करनी पड़ेगी। जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. मनोज चौधरी के मुताबिक एक व्यक्ति घायल अवस्था में अपनी कटी हुई नाक लेकर आया। वक्त ज्यादा बीतने के कारण सर्जरी से उसे जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हो सकता है कि ब्लड सप्लाई प्रारंभ हो जाए और नाक जुड़ जाए।
इनका कहना है
इस संबंध में जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. मनोज चौधरी का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति के शरीर का कोई अंग कट जाता है तो उसके 6 घंटे के अंदर तक कोशिकाएं जीवित रहती हैं। जिसको चिपकाने या जोड़ने में खून का संचार वापस चालू जाता है। लेट होने पर रिस्क के साथ ही उसके जुड़ने की संभावना कम रहती है।