कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में नग्न होकर प्रदर्शन करने को क्यों मजबूर हुए दलित-आदिवासी?
छत्तीसगढ़ में दलित-आदिवासी नग्न प्रदर्शन: कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ से बेहद दुखद तस्वीरें सामने आई हैं. यहां SC-ST तबके से आने वाले युवाओं को अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए सारे कपड़े उतारकर सड़क में आने को मजबूर होना पड़ा है. छत्तीसगढ़ के दलित और आदिवासी राज्य में हुए प्रमाण पत्र घोटाले के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. SC-ST समुदाय के लोगों ने 16 मई से आमरण अनशन शुरू किया था. लेकिन राज्य के सीएम भूपेश बघेल के कानों में जू तक नहीं रेंगी, बल्कि पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे SC-ST लोगों को गिरफ्तार कर लिया
छत्तीसगढ़ में आज से शुरु हुए विधानसभा के मानसून सत्र के बीच, राजधानी की सड़कों पर, एससी एसटी वर्ग के युवाओं ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर, नग्न प्रदर्शन किया।
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 18, 2023
कांग्रेस और भूपेश बघेल ने एक बार फिर एससी एसटी समाज को ठगने का काम किया है… pic.twitter.com/vn6qrYX1TN
छत्तीसगढ़ का इतिहास कलंकित हुआ
— Abhishek Kumar Kushwaha (@TheAbhishek_IND) July 18, 2023
छत्तीसगढ़ में आज से शुरु हुए विधानसभा के मानसून सत्र के बीच राजधानी की सड़कों पर एसटी एससी वर्ग के युवाओं ने फर्जी एससी-एसटी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर नग्न होकर प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/pSYuJ7wKCv
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बाहर नग्न प्रदर्शन
मंगलवार को छत्तीसगढ़ विधान सभा के बाहर SC-ST तबके के युवाओं ने नग्न होकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें दौड़ा लिया और जिन्हे पुलिस पकड़ सकी उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस बीच पुलिस ने कुछ लोगों को पीटा भी. आंदोलनकारियों का कहना है कि राज्य में फर्जी प्रमाणपत्र बांटने वालों को तीन साल पहले दोषी पाया गया था, इनके लिए सरकारी आदेश जारी हुआ था लेकिन अबतक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. दोषी अभी तक सरकारी नौकरी में बने हुए हैं, उनका प्रमोशन हो रहा है, जिन्हे आरक्षण की जरूरत है वो दर-दर की ठोकर खा रहे हैं.
बता दें कि जब से छत्तीसगढ़ एमपी से अलग हुआ तभी से यहां जाति प्रमाण पत्र के बंदरबांट का सिलसिला शुरू हुआ. कुछ सालों पहले ही इस घोटाले का भंडाफोड़ हुआ. जांच के लिए समिति बनाई गई. पता चला कि ऐसे लोग भी आरक्षण का लाभ लेकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं जिन्हे आरक्षण मिलना ही नहीं चाहिए। जांच समिति ने ऐसे लोगों को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटाने की बात कही मगर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया
इसी ले खिलाफ छत्तीसग़ढ के SC-ST युवा 16 मई से प्रदशन कर रहे हैं. इस बीच कई आंदोलनकारियों की तबियत खराब भी हुई. लेकिन भूपेश बघेल सरकार ने ध्यान नहीं दिया। अंत में युवाओं को अपना अनशन खत्म करना पड़ा और नग्न होकर विधानसभा का घेराव करना पड़ा जहां पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा