
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर बड़ी कार्रवाई: सुकमा में 17 नक्सली ढेर, झीरम कांड का मास्टरमाइंड भी मारा गया

सुकमा-दंतेवाड़ा सीमा पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़: शनिवार की सुबह छत्तीसगढ़ के सुकमा और दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर स्थित केरलापाल थाना क्षेत्र के उपमपल्ली के जंगलों में पुलिस और नक्सलियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हुई। इस ऑपरेशन में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के लगभग 500-600 जवानों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के एक बड़े समूह को घेर लिया, जिसके परिणामस्वरूप भीषण गोलीबारी हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 17 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता हासिल की, जिनमें 11 महिला नक्सली भी शामिल हैं।
झीरम घाटी हमले का मास्टरमाइंड जगदीश उर्फ बुधरा मारा गया
मारे गए नक्सलियों में एक बड़ा नाम जगदीश उर्फ बुधरा है, जो नक्सली संगठन SZCM (स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर) का सदस्य था। बुधरा पर 25 लाख रुपये का भारी इनाम घोषित था और वह 2013 में हुए दरभा घाटी के झीरम कांड में शामिल मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था। इस भयावह हमले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा समेत कई प्रमुख कांग्रेसी नेताओं की जान चली गई थी। बुधरा की मौत सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
इस साल अब तक 100 नक्सली ढेर, 10 दिनों में 49 मारे गए
सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में यह एक और महत्वपूर्ण सफलता है। इससे पहले, 25 मार्च को सुरक्षाबलों ने 25 लाख रुपये के इनामी नक्सली सुधीर उर्फ सुधाकर समेत तीन नक्सलियों को मार गिराया था। बस्तर रेंज में इस साल अब तक सुरक्षाबलों ने कुल 100 नक्सलियों को मुठभेड़ों में मार गिराया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 49 नक्सली केवल 20 मार्च से 29 मार्च के बीच, यानी महज 10 दिनों के भीतर मारे गए हैं, जो सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव को दर्शाता है।
भारी मात्रा में हथियार बरामद, ऑपरेशन जारी
पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) कमलोचन कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि मुठभेड़ स्थल से 17 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही, सुरक्षाबलों ने इंसास और SLR जैसे स्वचालित हथियार भी बड़ी संख्या में बरामद किए हैं। मारे गए नक्सलियों में कई बड़े कैडर के सदस्य भी शामिल हैं, जिनकी पहचान की जा रही है। इस मुठभेड़ में DRG के तीन और CRPF का एक जवान भी घायल हुए हैं, लेकिन उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। DIG ने यह भी बताया कि ऑपरेशन अब समाप्त हो चुका है और DRG के जवान नक्सलियों के शवों को कंधों पर लादकर लगभग 10 किलोमीटर पैदल चलकर जंगल से सुरक्षित लौट आए हैं।
नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार जारी रहेगा - अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बड़ी सफलता पर सुरक्षाबलों को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने सुकमा में एक साहसिक अभियान में 17 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। घटनास्थल से स्वचालित हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी बरामद हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए संकल्पित है। शाह ने यह भी कहा कि हथियार और हिंसा से कभी भी बदलाव नहीं आ सकता, केवल शांति और विकास के माध्यम से ही स्थायी परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करने की अपील भी की। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आगामी 4 अप्रैल को बस्तर के दंतेवाड़ा का दौरा करेंगे, जहां वह नक्सल ऑपरेशन को लेकर मंत्री और उच्च अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे।
जवान नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने में जुटे हैं - मुख्यमंत्री साय
वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी इस सफलता पर खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने नक्सलवाद के नासूर को हमेशा के लिए खत्म करने की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ाया है। हमारे सुरक्षाबलों के जवान नक्सलियों की मांद में घुसकर उन्हें जड़ से उखाड़ फेंकने का काम कर रहे हैं। जवानों को मिली यह कामयाबी अत्यंत सराहनीय है और मैं उनकी बहादुरी को नमन करता हूं। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार एक भी गोली चलाना नहीं चाहती। हमारी आत्मसमर्पण नीति बहुत अच्छी है और नक्सलियों को इसका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने पड़ोसी राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि कई ऐसे लोग हैं जो पहले नक्सली थे, लेकिन आत्मसमर्पण करने के बाद उन्होंने चुनाव लड़ा और जीतकर मंत्री भी बने। उन्होंने भी नक्सलियों से हथियार त्याग कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
20 मार्च को भी हुई थी बड़ी कार्रवाई, 30 नक्सली मारे गए थे
गौरतलब है कि इससे पहले 20 मार्च को भी छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों ने दो बड़ी मुठभेड़ों में 30 नक्सलियों को मार गिराया था। पहली मुठभेड़ बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर हुई थी, जिसमें 26 नक्सली मारे गए थे और DRG का एक जवान शहीद हो गया था। वहीं, दूसरी मुठभेड़ कांकेर-नारायणपुर सीमा पर हुई थी, जिसमें 4 नक्सलियों को ढेर किया गया था। इन लगातार सफल अभियानों से नक्सली संगठनों पर भारी दबाव बना हुआ है।