छत्तीसगढ़ : विधानसभा चुनाव में पहली बार अब ऐसे पता चलेगा किसे दिया वोट
विधानसभा चुनाव में पहली बार वीवी पैट मशीनों का प्रयोग किया जाएगा. इव्हीएम से चुनाव के दौरान पैदा होने वाली शंका को खत्म करने के लिए निर्वाचन आयोग ने वीवी पैट का इस्तेमाल शुरू किया है. यहां के छह विधानसभा चुनाव में उपयोग के लिए निर्वाचन आयोग से भेजी गई वीवी पैट मशीनें शुक्रवार सुबह यहां पहुंचीं. कुल 1946 वीवी पैट मशीनें यहां आई हैं.
कलेक्टोरेट के पीछे निर्वाचन कार्यालय के गोदाम में वीवी पैट मशीनों को सुरक्षित रखवाया गया है. इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में इन वीवी पैट मशीनों का उपयोग किया जाएगा. इस मशीन के जरिए मतदाताओं को एक प्रिंटेड पर्ची के जरिए यह पता चल जाएगा कि उन्होंने किसे वोट दिया है.
राजनांदगांव जिले की छह विधानसभा सीटों के लिए निर्वाचन आयोग से 1946 वीवी पैट मशीनें यहां मिली हैं. इन मशीनों को लेने के लिए प्रशासन के प्रतिनिधि हैदराबाद गए थे. प्रशासन की टीम तीन ट्रकों में वीवी पैट मशीनों को लेकर सड़क मार्ग से आज सुबह यहां पहुंची. उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजनांदगांव ओंकार यदु ने बताया कि निर्वाचन आयोग से यहां के लिए 1946 वीवी पैट मशीनें आ गई हैं. सोमवार से इन मशीनों की एफएलसी का काम शुरू किया जाएगा.
वीवीपैट मशीनों के आ जाने के बाद स्थानीय निर्वाचन अमला अब इसकी फस्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) का के लिए तैयारी में जुट गया है. निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार से एफएलसी का काम शुरू किया जाएगा. एफएलसी के लिए इव्हीएम निर्माता कंपनी के इंजीनियर यहां आएंगे. उनकी मौजूदगी में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के समक्ष निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी वीवी पैट की चेकिंग का काम करेंगे.
क्या है वीवीपैट
वोटर वेरीफाएबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) यानि वीवीपैट के जरिए मतदाता को इस बात की तस्दीक हो जाएगी कि उसने जिसे वोट किया है, वास्तव में उसे वोट पडा़ है या नहीं. वोटर को वीवीपैट से एक प्रिंटेड पर्ची दिखेगी, उसमें उस उम्मीदवार का उल्लेख होगा जिसे उसने वोट दिया है. कुल 7 सेकंड तक यह पर्ची वोटर को दिखेगी और उसके बाद वह वीवीपैट के साथ लगे बाक्स में स्वत: चली जाएगी.