कांग्रेस के भ्रष्टाचार और गलतियों को भूली नहीं है जनता, BSP अकेले ही चुनाव लड़ेगी : मायावती
नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमों ने आज कांग्रेस की मंशा पर पानी फेरते हुए मोदी सरकार के खिलाफ होने वाले विपक्ष के महागठबंधन को करारा झटका दिया है. मायावती ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी अब राजस्थान और मध्य प्रदेश में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी। गठबंधन न होने का ठीकरा मायावती ने दिग्विजय सिंह पर फोड़ते हुए जहां दिग्विजय को भाजपा, आरएसएस का एजेंट करार दिया, वहीँ कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला है.
मायावती ने कहा कि कांग्रेस के नेता दंभ में चूर हैं। उन्हें लगता है कि वे अकेले भाजपा को हरा पाने में कामयाब होंगे। लेकिन सच ये है कांग्रेस पार्टी की गल्तियां और उनके भ्रष्टाचार को लोग भूले नहीं हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस अपनी खामियों को सुधारने की कोशिश नहीं कर रही है। बसपा सुप्रीमो ने दिग्विजय सिंह को आरएसएस का एजेंट तक कहा। मायवाती की इस घोषणा को 2019 लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष की महागठबंधन बनाने की कोशिशों को एक झटके के रूप में देखा जा रहा है।
मायावती के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता एवं प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कभी-कभी भावनाओं में आकर खट्टी-मीठी बातें कही जाती हैं। लेकिन मायावती जी राहुल गांधी और सोनिया गांधी में यदि पूरी तरह से भरोसा करती हैं तो छोटी-मोटी बातों का समाधान निकाला जा सकता है।'
वहीँ मध्य प्रदेश में बसपा के साथ गठबंधन न होने के लिए खुद को जिम्मेदार बताए जाने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दिग्विजय ने कहा कि गठबंधन हमेशा चुनाव के आस-पास होता है, पहले नहीं। उन्होंने कहा कि बसपा के साथ गठबंधन निश्चित रूप से होगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस एवं भाजपा के कटु आलोचक रहे हैं। बसपा सुप्रीमो ने बुधवार को कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे नेता की वजह से मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बसपा का गठबंधन नहीं हो पाया।
मायावती के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, 'हमने कोई पलटी नहीं मारी है। हम गठबंधन देश के लिए करेंगे। गठबंधन हमेशा चुनाव के आस-पास होता है पहले नहीं। 1977 में जनता पार्टी का गठबंधन चुनाव से डेढ़ दो महीने पहले हुआ था। हमारा गठबंधन निश्चित तौर पर होगा।'
उन्हें आरएसएस का एजेंट बताए जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा, 'यह सवाल आप उनसे पूछिए। मैं मोदी जी, अमित शाह जी, भाजपा और आरएसएस का कटु आलोचक रहा हूं। राहुल गांधी हमारे कांग्रेस अध्यक्ष हैं। हम उनके निर्देशों का पालन करते हैं।'
दिग्विजय ने कहा, 'मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मैं मायावती जी का आदर करता हूं और शुरू से ही कांग्रेस-बसपा गठबंधन का हिमायती रहा हूं। छत्तीसगढ़ में गठबंधन की बात चलीं लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हुईं। मध्य प्रदेश में भी गठबंधन बनाने पर बातें चल रही थीं लेकिन उन्होंने अपने 22 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।'