चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराना है इसरो का मकसद

Rewa Riyasat
2023-07-14 08:33:09

चंद्रयान-2 की तरह ही चंद्रयान-3 का मकसद भी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है. दक्षिणी ध्रुव, वो जगह जहां आजतक कोई नहीं पहुंच सका. अगर चंद्रयान-3 का 'विक्रम' लैंडर वहां सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कर लेता है, तो ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा. इतना ही नहीं, चांद की सतह पर लैंडर उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा.

बता दें चांद की सतह पर अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही पहुंच चुके हैं. सितंबर 2019 में इसरो ने चंद्रयान-2 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की कोशिश की थी, लेकिन तब लैंडर की हार्ड लैंडिंग हो गई थी. पिछली गलतियों से सबक लेते हुए चंद्रयान-3 में कई बदलाव भी किए गए हैं. चंद्रयान-3 को आज लॉन्च किया जाएगा, लेकिन इसे चांद तक पहुंचने में डेढ़ महीने का समय लगेगा. अनुमान है कि 23 या 24 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की सतह पर लैंड कर सकता है.

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