HBD Ratan Tata: रतन टाटा दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में क्यों नहीं है?
Why Ratan Tata Is Not On The List Of World's Richest Men: जब बात दुनिया के सबसे अमीर इंसान की होती है तो जुबान पर सिर्फ एक नाम होता है Elon Musk जिनके पास 268 बिलियन डॉलर की संपत्ति है. लेकिन कभी आपको Forbes द्वारा बनाई जाने वाली Top Rich लोगों की लिस्ट गलत नहीं लगती क्योंकि इसमें कभी भारत के महान बिज़नेस टाइकून रतन टाटा का नाम नहीं दीखता।
आखिर ऐसी क्या वजह है कि रतन टाटा दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल नहीं है, और न ही वो दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं. जबकि उनका Tata Group बहुत विशाल है। और देश की आज़ादी के कई साल पहले से वजूद में है.
रतन टाटा दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में क्यों नहीं है
Why Ratan Tata Is Not On The List Of World's Richest Men: भले ही रतन टाटा Top 10 Richest People की लिस्ट का हिस्सा नहीं है मगर एक अच्छा इंसान और अच्छे दिल के मामले में उनसे ज़्यादा शायद ही कोई धनी होगा। देश के अन्य अमीर लोग तो सिर्फ इफरात पैसा बनाने में लगे हुए हैं लेकिन रतन टाटा ने अपना पूरा जीवन गरीबों को सुविधा देने और राष्ट्रनिर्माण में समर्पित किया है।
IIFL Wealth की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 432 अमीर लोग रतन टाटा से ज़्यादा पैसे वाले लोग हैं, मतलब पैसों के मामले में रतन टाटा भारत में 433 नंबर पर आते हैं. यह जानकारी चौकाने वाली है लेकिन सच है. 82 साल के दिग्गज बिज़नेस टाइकून रतन टाटा ने पैसों से ज़्यादा दयाभाव, प्रेम और इंसानियत को तवज्जो दी है.
जो व्यक्ति भारत की सबसे बड़े बिज़नेस एम्पायर Tata Group का मालिक हो और लगातार 6 दशकों से कंपनी को संभाल रहा हो वह अभी भी भारत में अमीरी के मामले में 433 वां स्थान कैसे रख सकता है. मतलब उन्हें कम से कम भारत के टॉप 10 अमीरों में तो होना ही था.
रतन टाटा से बड़ा कोई दानी नहीं है
जहां मुकेश अम्बानी और अडानी इफरात पैसा बनाने में लगे हैं वहीं टाटा ग्रुप काम ही इस लिए करता है ताकि परोपकार किया जा सके. अंबानी-अडानी लोगों के पास इतना पैसा है कि हर दिन दसियों करोड़ रुपए बांटे तो वह दशकों तक अरब पति ही बने रहेंगे। 103 बिलियन के रेवेन्यू वाली टाटा ग्रुप न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है.
टाटा समूह अपनी कमाई का 66% हिस्सा दान करता है
टाटा समूह अपने Tata Trust और Dividends के माध्यम से अपनी कमाई का 66% हिस्सा परोपकार में खर्च करता है, रतन टाटा को मालूम है कि एक दिन सभी को मर जाना है और चाहे कोई कितना भी पैसा कमा ले एक दिन सबकुछ छोड़कर जाना है. टाटा ग्रुप अपने मुनाफे का 66% हिस्सा इसी लिए दान करता है ताकी लोगों को मदद मिले। टाटा ने कई मुफ्त में इलाज देने वाले हॉस्पिटल, मुफ्त शिक्षा के लिए स्कूल, फ्री में खाना, और हर मजबूर इंसान को अच्छी जिंदगी देने के लिए दान करता है. इसी लिए टाटा ग्रुप और रतन टाटा दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल नहीं है.
रतन टाटा भले ही सबसे अमीर न हों लेकिन अच्छे इंसान के रूप में और अच्छा दिल होने के मामले में उनसे ज़्यादा अमीर कोई नहीं है, यही वजह है कि लोग रतन टाटा को भगवान की तरह पूजते हैं उनसे प्यार करते हैं.