जब पलभर में दुर्लभ सिक्के से दुकानदार बना करोड़पति, जानिए कैसे?
सीट कवर बनाने की छोटी सी दुकान चलाने वाला पलभर में करोड़ों का मालिक बन गया. मामला हरियाणा के सिरसा में डबवाली का था. सिरसा रोड के एक दुकानदार के पास करीब 567 साल पुराना इस्लामिक सिक्का था. दुबई के एक व्यक्ति ने इतिहासिक सिक्के की कीमत डेढ़ करोड़ रुपय लगाई थी. दुकानदार इसे साढ़े तीन करोड़ रुपये में बेचना चाहता था. शहर से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित जिला बठिंडा के गांव डूमवाली निवासी गोरीशंकर उर्फ विक्की डबवाली के सिरसा रोड पर सीट बनाने का काम करता था.
बताया जाता है जब युवक ने जंग लगे सिक्के को अच्छी तरह से साफ किया तो उर्दू भाषा में कुछ लिखा नजर आया. यह पता था कि सिक्का इतिहासिक है.लेकिन क्यों हैं, सिक्के पर क्या लिखा है? यह जानने के लिए वह नरसिंह कॉलोनी स्थित मस्जिद में जा पहुंचा था. वहां सिक्का देखकर मौलवी दंग रह गए.
मौलवी ने बताया कि इस्लामिक कलेंडर अनुसार सिक्का वर्ष 1450 के समय का है. जिस पर मदीना शहर लिखा हुआ है. करीब 567 वर्ष पुराने सिक्के की फोटो जब अपने मित्रों के जरिए दुबई तक पहुंचाई तो वहां के एक व्यक्ति ने डेढ़ करोड़ रुपये कीमत लगाई थी.
गोरीशंकर के अनुसार इंटरनेट पर शॉपिंग वेबसाइट पर इस तरह के सिक्के का बेस प्राइज 3 करोड़ रुपये मिल रहा था. बांग्लादेश में दो तथा पाकिस्तान में एक सिक्के की बोली लगाई गई थी. सिक्के को काफी रेयर माना गया था. वह सिक्के को साढ़े तीन करोड़ रुपये में बेचने को तैयार था.
लॉकर में रखा
गोरीशंकर के अनुसार उसके नाना चिंरजी लाल ने उन्हें यह सिक्का दिया था. वे गुरुग्राम में सरकारी मुलाजिम थे. यहां तक उसे पता है कि उसके नाना को उपरोक्त सिक्का उनके नाना ने दिया था. नाना ने सिक्के को संभालकर रखने के लिए कहा था। उसने सिक्के की अहमियत को समझकर बैंक के लॉकर में रखवा दिया है.
(नोट: बता दे की इस खबर को लगभग 3 साल बीत चुके है. इस खबर को अन्य न्यूज़ पोर्टल के द्वारा लिया गया है. इसमें हमारे पोर्टल से कोई लेना देना नहीं है. इस न्यूज़ को दोहराने का मतलब ये है की आपको अगर कोई ऐसे दुर्लभ सिक्के मिलते है तो उनके बारे में पता करे क्योकि वो सिक्के आपको लखपति या करोड़पति बना सकते है.)