क्या है RBI कि Sovereign Gold Bonds स्कीम, जो गोल्ड में इन्वेस्ट करने का बढ़िया मौका दे रहा है
What Is Sovereign Gold Bonds: रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) सोना यानी के Gold में इन्वेस्ट करने का बढ़िया मौका दे रहा है, लेकिन मौके पर चौका मारने से पहले आपको सॉवरेन गोल्ड बांड्स (Sovereign Gold Bonds) के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए, ये क्या है, कैसे काम करता है, इसमें इन्वेस्टमेंट कैसे करते हैं ये सारी जानकारी आपको यहीं मिल जाएगी।
RBI 10 जनवरी से लेकर 14 जनवरी तक आपको गोल्ड में निवेश करने का अवसर दे रहा है, जिसके तहत आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से सोने में इन्वेस्ट कर सकते हैं। खास बात ये है कि इश्यू प्राइज़ पर इन्वेस्टर्स को हर साल 2.50% ब्याज भी दिया जाता है और सोने का रेट बढ़ता है तो फिर आपको पूरा रिटर्न मिलता है सरकार ने सॉवरेन बांड्स के लिए सोने की कीमत 4,736 रुपए प्रति 1 ग्राम तय की है।
RBI देता है Sovereign Gold Bonds
Sovereign Gold Bonds सरकारी बांड होता है, जिसे RBI इन्वेस्टर्स को देता है. इसमें Demat में भी कन्वर्ट किया जा सकता है। आप जितना ज़्यादा सोने में इन्वेस्ट करेंगे बांड की वेल्यू भी उतनी होती है, मतलब अगर आप 10 ग्राम गोल्ड में इन्वेस्ट करते हैं तो RBI आपको उतने ही वेल्यू का बांड देता है।
इस बांड को कैसे खरीदते हैं (How to Buy Sovereign Gold Bond)
Sovereign Gold Bonds को खरीदने के लिए आपको SEBI से अधिकृत ब्रोकर को इश्यू प्राइज़ पर पेमेंट करना पड़ता है, जैसे आप शेयर खरीदने के लिए ब्रोकर की मदद लेते हैं वैसे इसमें भी करना पड़ता है। अगर आप बांड को बेचते हैं तो पूरा पैसा आपको वापस मिल जाता है
क्या फायदा होता है (Benefits of Sovereign Gold Bonds)
सबसे बड़ा फायदा तो ये होता है कि आपको हर साल 2.50% ब्याज मिलता है, ये रकम हर 6 महीने में आपके खाते में पहुंच जाती है हां लेकिन टैक्स स्लेब के अनुसार आपको टैक्स देना पड़ता है. मतलब जितना आप इन्वेस्ट करेंगे उसका 2.50% ब्याज आपको मिलेगा।
क्या ये सेफ है (Are Sovereign Gold Bonds safe to invest)
आपको बांड की विश्वश्नीयता और गोल्ड की क्वालिटी के बारे में चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है, ये इन्वेस्टमेंट पूरी तरह से सेफ और भरोसा करने लायक होता है। NSE के अनुसार गोल्ड बांड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वलैर्स एसोशिएशन (IBJA) द्वारा पब्लिश 24 कैरेट प्योर गोल्ड की कीमत से लिंक रहती है। इसे डीमेट के रूप में भी रखा जा सकता है, जो काफी सुरक्षित होता है और कोई अतिरिक्त खर्चा नहीं होता।
8 साल के मैच्योरिटी के बाद क्या मिलता है
इस बांड की मैच्योरिटी 8 साल की होती है, लेकिन आप जरूरत पड़ने पर 5 साल में अपना निवेश बाहर कर सकते हैं. यानी के 5 साल बाद आप अपना पैसा निकाल सकते हैं. ये बांड NSE में ट्रेड होते हैं और आप इसके ज़रिये लोन लेने के दौरन कॉलेट्ररल के रूप में बांड का इस्तेमाल कर सकते हैं. 8 साल के मैच्योरिटी के बाद आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता अलबत्ता 5 साल के बाद इन्वेस्टमेंट विथड्रॉ करने पर लॉन्ग टर्म केपिटल गेन(LTGC) के रूप में 20.80% टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।
कैसे खरीदा जाता है (How to Buy Sovereign Gold Bonds)
सबसे पहले आपको किसी ब्रोकर के ज़रिये डीमैट अकाउंट खुलवाना पड़ता है, जिसे NSE पर मौजूद गोल्ड बांड के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उतनी ही राशि आपके खाते से काट ली जाती है। आप ऑफलाइन और ओनलाइन दोनों तरीके से इसे खरीद सकते हैं। आप चाहें तो बैंक की ब्रांच, पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया से भी गोल्ड में इन्वेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक आवेदन फॉर्म भरना पड़ता है
इसके बाद आपके खाते से पैसे कट जाएंगे और डीमैट में बांड ट्रांसफर हो जाएगा। इसके लिए आपके पास पैन कार्ड होना चाहिए, निवेशक इसे SHCIL, NSE, और BSE के माध्यम से बेच सकते हैं.