Turmeric Farming Business: शुरू करे हल्दी की खेती का बिजनेस, 14 लाख रुपए से भी ज्यादा की होगी कमाई
Turmeric Farming Business
Turmeric Farming Business: हल्दी के संबंध में तो सभी को पता है। लेकिन ज्यादातर लोगों को यह जानकारी नहीं है कि हल्दी का उपयोग किचन के अलावा दवा बनाने में किया जाता है। साथ ही हल्दी का उपयोग कई अन्य प्रोडक्ट बनाने में किया जाने लगा है जिससे हल्दी की मांग और उसकी कीमत दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। हल्दी में जैव संरक्षण एवं जैव विनाश दोनों ही गुण विद्यमान है। हल्दी का उपयोग जीवाणुओं को मारता है। इस तरह के औषधीय और नगदी फसलो की खेती काफी कारगर और लाभकारी सिद्ध हो रही है।
आधुनिक तरीके अपनाएं किसान
इसी का परिणाम है आज देश का किसान पर पारंपरिक फसलों की खेती के साथ ही ही आधुनिक तरीके से खेती को लाभ का धंधा बना कर अपनी बेरोजगारी दूर कर रहे हैं। कोरोना जैसी महामारी के समय भी खेती ही एक ऐसा धंधा बचा था जिसे अपना कर किसानों ने देश की अर्थव्यवस्था के साथ ही लोगों को भोजन उपलब्ध करवाए हैं।
खास किस्म के हल्दी की करें खेती
बताया गया है कि किसान भाई अगर प्रतिभा किस्म की हल्दी की खेती करें तो वह काफी गुणकारी होने के साथ ही लाभ देने वाली है। इसे कम समय में तैयार कर लिया जाता है। जिन किसानों के पास पानी निकासी की बेहतर व्यवस्था वाले खेत हैं वहां हल्दी की खेती काफी उपयुक्त मानी गई है।
केरल में विकसित की गई
जानकारी के अनुसार हल्दी की इस विशेष किस्म को केरल के कोझीकोड सीट भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान द्वारा तैयार किया गया है। इस खास की किस्म के जल्दी में लागत करीब दो लाख रुपए है। तो वही14 लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है। किस वैज्ञानिकों के मतानुसार कृष्ण की खेती में किसान भाई मोटी कमाई कर सकते हैं।
हल्दी की खेती की तैयारी
खेती करने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की रोपाई करनी आवश्यक होती है। वही हल्दी की फसल निकलते समय बीज के लिए हल्दी की अच्छी गांडू को रख लेना चाहिए। जिसे बाद में बोनी के समय बेचकर काफी पैसा कमाया जा सकता है। आमतौर पर हल्दी की खेती मई के जून के महीने मे की जाती हैं। लेकिन जिन किसानो को हल्दी की खेती करनी होती है ।वह अभी से तैयारी करनी शुरू कर देते है।
कैसी हो हल्दी की खेती के लिए भूमि
हल्दी की खेती आमतौर सभी प्रकार की मिट्टी में किया जा सकता है। वही वैज्ञानिकों के मतानुसार मिट्टी में पीएच 5 से 7.5 होनी चाहिए। दोमट जलोढ़ मिट्टी को सबसे उपयुक्त माना गया है। जल निकासी की व्यवस्था वाले भूमि का चुनाव हल्दी की खेती के लिए करनी चाहिए।