ये है दुनिया के सबसे बड़े मुर्ख, इनसे बिल्कुल न करे बहस
आचार्य चाणक्य ऐसे विद्वान है कि उन्होंने अपने जीवन में अहम बातों पर शोध कर कई पुस्तकें लिखी हैं। आचार्य चाणक्य की सोच एक त्रिकालदर्शी व्यक्ति की भांति थे। उन्होंने कई ऐसे रहस्य के मर्म को लिखा है जो आज भी प्रासंगिक हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर जीवन में सुख और शांति चाहिए तो मूर्ख लोगों से सदैव दूर रहे। साथ ही आचार्य चाणक्य ने मूर्खों के कुछ विशेष गुण बताएं हैं।
विद्वान मूर्ख
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कई विद्वान लोग भी मूर्ख होते हैं। यह ऐसे लोग हैं जिन्हें केवल अपनी बातें ही सत्य लगती हैं। भले ही उस विषय पर इनको कोई भी जानकारी न हो। लेकिन अपने आप को यह जरूरत से ज्यादा बुद्धिमान मानते हैं। यह सामने वाले व्यक्ति की बातों पर कतई यकीन नहीं करना चाहते। ऐसे लोगों को भी मूर्ख माना गया है। इनसे सदैव दूर रहे।
महामूर्ख है यह लोग
असल जीवन में कई तरह के मूर्खों से सामना होता है। ऐसे व्यक्ति महामूर्ख कहे गए हैं जिन्हें किसी भी बात के संबंध में जानकारी नहीं होती और उसके संबंध में वह अपना ज्ञान प्रकट करते हैं। साथ ही सामने वाले से यह अपेक्षा करते हैं कि वह हमारी इन बातों पर पूर्ण विश्वास करें। ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए।
इन्हे समझाने का न करें प्रयास
- कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को बार-बार समझाया जाए उसके बाद भी उसे कुछ समझ न आए तो समझ लेना चाहिए कि वह व्यक्ति पढ़ा लिखा होने के बाद भी मूर्ख है। ऐसे लोगों को समझाने में अपनी ऊर्जा नष्ट नहीं करनी चाहिए।
- आचार्य चाणक्य का कहना है की मूर्खों को कितना भी समझाया जाए लेकिन उनकी समझ में नहीं आएगा। आप अपना कीमती वक्त इन पर जाया न करें।
- आचार्य चाणक्य कहते हैं मूर्खों से कभी बात विवाद नहीं करना चाहिए। न तो इनसे इस संबंध में बात करें और किसी बात पर सहमति न होने पर इनसे कभी भी विवाद न करें।
- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर किसी मूर्ख को आप समझा रहे हैं वह नहीं समझ पा रहा है। ऐसे में आपका लोग परिहास करेंगे। कई बार तो लोग आपको मूर्ख भी कह सकते हैं। इनसे सदैव दूरी बनाकर रहनी चाहिए।