पूजा घर होना चाहिए ऐसा, अगर नहीं है तो ये खबर पढ़ हिल जायेगा दिमाग, जानिए!
हम घर बनवाते समय पूजा करने की व्यवस्था भी करते हैं। लेकिन कई बार जल्दबाजी या फिर जानकारी के अभाव में गलत जगह में पूजाघर बना लेते हैं जिसका वास्तू के अनुसार काफी बुरा प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है। वहीं कई बार तो हम अपने हिसाब से घर के किसी कमरे में पूजा की व्यवस्था कर लेते हैं। अगर वास्तु शास्त्र के हिसाब से पूजा का स्थान सही नहीं होता है तो कई तरह की परेशानियां बनी रहती है। ऐसे मे हमें घर बनवाते समय पूजागृह के लिए कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। आइये जाने क्या है वह सावधानी-ः
इस दिशा में हो पूजागृह
वास्तुशास्त्र के अनुसार पूजागृह ईशान कोण यानीकि पूर्व और उत्तर दिशा के कोने में होना चाहिए। ईशान कोण को उर्जा का भंडार कहा जाता है। इस जगह बैठकर पूजा करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
ऐसा हो पूजा स्थल
पूजा स्थल के सम्बंध में बताया गया है कि पूजा स्थल ऐसा हो कि जब हम पूजा करने के लिए बैंठें ते हमारा मुह पूर्व दिशा की ओर हो। इसे सबसे उत्तम बताया गया है। पूर्व दिशा की ओर मुह करके पूजा करने में भगवान का सीधा सानिध्य प्राप्त होता है।
पूजास्थल इन कमरों के पास नहीं बनाएं
पूजा स्थल के लिए जैसे ईसान कोण का होना आवश्यक है उसी तरह हमें यह विचार भी करना होता है कि पूजाघर के पास कौन सा कमरा है। बताया गया है कि पूजाघर के पास किचन नही होना चाहिए। वहीं पूजाघर की दीवार शौचालय की दीवार से नही जुडी होनी चाहिए।
क्या होता है नुक्साना
बताया गया है कि जब पूजाघर वास्तु के अनुसार नही होता है तो पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नही होता। जिससे परेशानियां कम होने के बजाय बढ़ जाती हैं।
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।