Thai Apple Plum Farming: किसान करें थाई एप्पल बेर की खेती, एक बार लगाएं पेड़ 20 साल तक देगा फल, जानिए!
Apple Ber Farming
Thai Apple Plum Farming: बाजार में कई तरह के बेर मौजूद है। लेकिन थाई एप्पल बेर जिसे कश्मीरी बेर भी कहा जाता है इसकी मांग सबसे ज्यादा है। वहीं इसी कीमत आम बेर से कई गुना ज्याद है। इस बेर में गुठली छोटी और फल सबसे ज्यादा होता है। वही इसका स्वाद बिल्कुल बेर के जैसा होता है लेकिन देखने में यह छोटा सेव लगता है। 10 वर्ष पूर्व इसे थाईलैंड से भारत लाया गया और विकसित कर इसकी खेती शुरू की गई। आज भारत में इसकी पर्याप्त खेती की जा रही है।
छोटे सेब जैसे दिखता है बेर
थाई एप्पल बेर देखने में सेब के आकार का हरे रंग का दिखाई देता है। लेकिन इसका स्वाद बेर की तरह है। इस बेर को खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। वही इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। बाजार में इसकी मांग दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
कम पानी में बेहतर उपज
थाई एप्पल बेर की खेती करने के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती। इस पौधे में अन्य बेर के पौधों की तरह सूखे से लड़ने की क्षमता होती है। जिन क्षेत्रों में पानी कम है वहां के किसान इसकी बेहतर खेती कर सकते हैं। साथ ही मोटी रकम खेती से प्राप्त कर इसे लाभ का धंधा बनाया जा सकता है।
थाई एप्पल बेर की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त है। साथ ही हल्की छारीय और लवणीय भूमि भी खेती की जा सकती है।
करें खेत की तैयारी
थाई एप्पल बेर की खेती करने के लिए प्रथम किसान खेत से खरपतवार हटाकर मिट्टी पलटने वाले यंत्र से गहरी जुताई करें। इसके पश्चात पर्याप्त माaत्रा में गोबर की खाद डालकर रोटावेटर से पुनः जुताई करें। 12 फुट की दूरी पर 3 फीट गहरे और 3 फीट चौड़े गड्ढे खोदे। गड्ढे में 50 से 60 किलो के करीब गोबर की खाद मिट्टी मिलाकर भरें। करीब 20 से 25 दिन बाद पौधों की रोपाई करें। और हल्के से पानी डालकर मिट्टी को दबा दें।
उत्पादन कुछ इस तरह
बेर का पौधा लगाने के 1 वर्ष बाद फल देना शुरू कर देता है। शुरुआती दिनों में जहां कम फल होते हैं वही जैसे-जैसे पौधा ज्यादा विकसित हो जाता है तो एक पौधे से करीब 100 किलो बेर का फल प्राप्त किया जाता है।