Success Story: मात्र 10 हजार रुपए लगाकर 2 दोस्तों ने शुरू किया ये बिजनेस, अब सालाना टर्नओवर 1 करोड़, जानिए सक्सेसफुल स्टोरी
Success Story
Success Story: आज के समय में व्यापार शुरू करना कोई बड़ा काम नहीं है। बिजनेस के बारे में जानकारी सबसे महत्वपूर्ण मानी गई है। जानकारी होने पर कम पैसों में भी आज बिज़नेस खड़ा किया जा सकता है। 10,000 रुपए लगाकर दो दोस्तों ने बिजनेस शुरू किया और 3 वर्ष के दौरान इनका बिजनेस एक करोड़ रुपए सालाना हो चुका है। इन दो दोस्तो की सक्सेसफुल स्टोरी के बारे में आज चर्चा कर आपको बताने का प्रयास कर रहे हैं कि मजबूत इरादे और जानकारी के बल पर करोड़ों रुपए का बिजनेस शुरू किया जा सकता है।
एमबीए दोस्तों ने शुरू किया बिजनेस
जानकारी के अनुसार दया आर्या और उपेंद्र यादव नाम के दो दोस्त एमबीए की पढ़ाई पूरी कर चुके थे। 1 साल तक नौकरी करने के बाद दोनों दोस्त आपस में बिजनेस करने का मन बनाया और यह खोजने में लग गए कि आज के युवाओं की क्या पसंद हो सकती है। अगर उस पसंद पर फोकस कर उेस बाजर में उपलब्ध करवाया जाए तो एक बहुत बड़ा मार्केट तैयार किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार दोनों दोस्तों ने युवाओं का मन टटोलने के बाद डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में काम करना शुरू किया। ऑनलाइन टी शर्ट बेचने का काम शुरू किया। उसमें खास सुविधा यह दी की उपभोक्ता के पसंद के अनुसार टी शर्ट प्रिंट करवाया। ऑनलाइन बाजार में इसे बेचने लगे। धीरे-धीरे कर बाजार में उनकी कंपनी ट्रिम ट्रिम स्टोर की डिमांड बढ़ने लगी।
क्या है प्रिंट ऑन डिमांड
इसके संबंध में जानकारी देते हुए दया आर्य का कहना है कि उनेह कम्पनी ट्रिम ट्रिम स्टोर प्रिंट ऑन डिमांड एक खास मॉडल के रूप में विकसित किया गया है। जिसमें युवाओं की पसंद को ध्यान में रखते हुए उनकी ही डिमांड पर टी-शर्ट को प्रिंट करवाया जाता है। और उसे बाजार में उपलब्ध करवा दिया जाता है। वह भी डिमांड होने के बाद। ऐसे में दया कहते हैं कि ऑन डिमांड के जरिए मनचाही डिजाइन की टीशर्ट युवाओं को सप्लाई करते हैं।
ऐसे बढ़ी कमाई
शुरुआती दौर में इस बिजनेस को शुरू करने के लिए दया बताते हैं कि उनके पास मात्र 10 से 12 हजार रुपए ही थे। लेकिन उन्होंने कम पैसे में इस बिजनेस को शुरू किया। पहले तो खुद के वेबसाइट पर ही कपडे बेचते थे बाद में अन्य दूसरे शापिंग प्लेटफार्म से जुड गये और धीरे-धीरे व्यापार बढ़ने लगा।
बताया जाता है कि जैसे-जैसे व्यापार बढने लगा। दोनों दोस्तों ने अपनी एक प्रिंटिंग मशीन लगवा ली। अब आर्डर आने के बाद टी शर्ट को प्रिंट करवा कर भेज दिया जाता है। जिससे प्रिटिंग का पैस मे भी बचत होने लगी तो वहीं अब 1 करोड से ज्यादा वार्षिक टर्नओवर पहुंच गया है।