Stock Market: बाजार के लिए घरेलू निवेशक आवश्यक है, जानें क्यों
Kyun Gharelu Niveshak Aavshyak hain: घरेलू खुदरा निवेशकों की भागीदारी पिछले तीन सालों में शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली नई कंपनियों के आईपीओ में दो गुना बढ़ गई है। डिजिटल लेन-देन के लिए युपीआई का उपयोग करने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। खुदरा निवेशकों की लगातार बढ़ती संख्या और यूपीआई की लोकप्रियता को मिलाकर शेयर बाजार में सेबी ने एक नया काॅकटेल बना लिया है। मझोली और छोटे निवेशक अब यूपीआई से आईपीओ में 5 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं। अभी तक यह सीमा 2 लाख रुपए तक है।
घरेलू खुदरा निवेशक अब कन्वर्टिबल सिक्योरिटीज के पब्लिक इश्यू में और डिजिटल लेन-देन के लोकप्रिय माध्यम यूपीआई से शेयरों में प्रति आवेदन 2 लाख रुपए की जगह अब 500000 रूपए तक का निवेश कर सकेंगे। अधिक निवेश आने से बाजार मजबूत होगा।
घरेलू निवेशक से आत्मनिर्भर बनेगा भारतीय शेयर बाजार:
शेयर बाजार में घरेलू निवेशक बहुत अधिक आवश्यक है घरेलू निवेशकों से भारतीय शेयर बाजार आत्मनिर्भर बनेगा। विदेशी निवेशकों की बैसाखी की आवश्यकता नहीं होगी। बाजार घरेलू निवेशकों के कंधो के सहारे शानदार प्रदर्शन करेगा।
अक्टूबर-2021 से मार्च 2022 के बीच जब विदेशी निवेशकों ने 1.48 लाख करोड़ रुपए के शेयर बेचे, तब घरेलू निवेशकों ने जमकर खरीदारी की जिसके चलते बाजार में अधिक गिरावट नहीं आई।
NPCI ने सिस्टम में बदलाव करने का सुझाव दिया:
NPCI ने यूपीआई जरिए आवेदन की प्रोसेस आसान बनाने के लिए सिस्टम में कुछ बदलाव करने का सुझाव दिया था। करीब 80 फ़ीसदी सेल्फ सर्टिफाइड सिंडिकेट बैंकों/ यूपीआई ऐप्स/ स्पॉन्सर बैंकों में 30 मार्च 2022 तक इन प्रावधानों को लागू कर दिया है। आईपीओ और कन्वर्टिबल बाॅन्ड में घरेलू खुदरा निवेशकों की भागीदारी और बढ़ेगी सेबी के इस नए कदम से।
वित्त वर्ष यूपीआई लेन-देन:
वित्त वर्ष में यूपीआई के प्रति लोकप्रियता बढ़ी है जिसके चलतें
वित्त वर्ष 2020-21 में अनुमानित 41 लाख करोड़ रुपए हैं।
वित्त वर्ष 2021-22 में अनुमानित 76 लाख करोड़ रुपए हैं।
वित्त वर्ष 2022-23 में अनुमानित 100 लाख करोड़ रुपए हैं।
खुदरा निवेशकों की संख्या प्रति वर्ष आईपीओ में:
खुदरा निवेशकों की संख्या 2021-22 में 14.05 लाख
खुदरा निवेशकों की संख्या 2020-21 में 12.73 लाख
खुदरा निवेशकों की संख्या 2019-20 में 6.88 लाख