क्यों हुए ऐसे हालात: श्रीलंका में दूध 790, चावल 500, शक्कर 290 रुपए किलो, लोग देश छोड़ भारत में पनाह ले रहे
श्रीलंका में इतनी महंगाई क्यों बढ़ गई: भारत के दक्षिण में मौजूद मित्र देश श्रीलंका में रहने वाले लोग देश छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. श्रीलंका में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि अमीर आदमी भी जरूरत के सामान खरीदने पर अपनी जेबें टटोलता है, वहीं गरीब और माध्यम वर्ग के लोगों की दूध, शक्कर, चावल, पेट्रोल-डीज़ल खरीदने के लिए हैसियत ही नहीं बची है। आखिर ऐसा क्यों क्या हुआ कि श्रीलंका की ऐसी हालात हो गई?
श्रीलंका में महंगाई क्यों बढ़ गई
बीते कई दिनों ने श्रीलंकाई नागरिक समुद्र में नाव के जरिए अपनी जान जोखिम में डाल भारत पहुंच रहे हैं. लोग अपने बच्चों को साथ लेकर भारत में पनाह मांग रहे हैं. इसकी वजह श्रीलंका में बढ़ती महंगाई है। आप यहाँ भारत में महंगाई से परेशान हैं? तो श्रीलंका में जरूरत के सामानों के रेट सुनकर आप को लगेगा भारत में महंगाई नहीं है।
श्रीलंका में दूध की कीमत 790 रुपए प्रति 400 ग्राम पहुंच गई है, वहीं चावल 790 रुपए किलो, शक्कर 290 रुपए किलो के रेट से बिक रहा है. जो लोग श्रीलंका से भारत आ रहे हैं उन्हें वहां से मछुआरे लूट रहे हैं. बुधवार को एक श्रीलंकाई दंपत्ति अपने बच्चों के साथ भारत आया जिससे नाविक ने 3 लाख रुपए वसूल लिए. उस दंपत्ति का कहना है कि श्रीलंका में अब जीना मुश्किल हो गया है।
श्रीलंका कर्ज में डूबा है
असल में इसी साल जनवरी में श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 70% घटकर सिर्फ 2.36 अरब डॉलर रह गया है। वहीं देश के ऊपर सिर्फ बीते 12 महीने का 7.3 अरब डॉलर का कर्ज है जो उसे चुकाना है. इसमें 68% कर्ज चीन का है. चीन ने श्रीलंका को 5 अरब डॉलर का कर्ज दिया है। पिछले साल श्रीलंका ने चीन से वित्तीय संकट से उभरने के लिए दोबारा 1 अरब डॉलर का लोन मांगा था.
श्रीलंका के पास अब पैसे नहीं है, 7.3 अरब का कर्ज है, और कर्ज देने वाले देश अब अपने पैसे वापस चाहते हैं. इसी लिए देश में महंगाई इतनी ज़्यादा बढ़ गई है कि वहां के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। ब्रेड के पैकेट 200 रुपए में बिक रहे हैं, दवा, ईंधन, खाने का सामान जैसे सब्जी, दाल, आटा, तेल, मसाला सब कुछ भारत की तुलना में 5 गुना से भी ज़्यादा महंगा है.
भारत ने श्रीलंका की मदद की या नहीं
भारत ने अपने पडोसी देश श्रीलंका को इस वित्तय संकट से उभरने के लिए 90 करोड़ डॉलर देने की बात कही है, इससे श्रीलंका अपना कर्ज तो नहीं चुका सकता लेकिन कुछ तो राहत मिल सकती है। बता दें कि नेपाल की तरह श्रीलंका भी चीन के चंगुल में फंस गया है. उसने चीन ने बहुत ज़्यादा कर्ज ले लिया है और बदले में चीन को अपने बंदरगाह और जमीन बेच रहा है.