Share market Investment: शेयर मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले जान लें ये अहम बात
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Share market Investment: इक्विटी एक इन्वेस्टर के पोर्टफोलियो में एक एसेट क्लास की तरह बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर आप एक इन्वेस्टर हैं तो आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि अलग अलग इक्विटी उपकरणों के लिए टैक्स नियम भी अलग-अलग होते हैं। जैसे कि , पूंजीगत लाभ की बात करें तो ये आपके होल्डिंग समय पर निर्भर करती है। स्टॉक और इक्विटी पर बेस्ड म्यूचुअल फंड की बात करें तो इसके लिए, लंबी अवधि का मतलब है एक वर्ष से अधिक का समय, लेकिन यूलिप मे अलग पैरामीटर है। टैक्स उत्पाद की तरफ से मिलने वाले टोटल रिटर्न को कम करता हैं। यही कारण है कि अलग-अलग इक्विटी परिसंपत्तियों के लिए टैक्स के नियम भी अलग-अलग ही हैं, एक इन्वेस्टर को ध्यान देना चाहिए करों के संदर्भ में निवेश की उपयुक्तता पर। आज आपको हम बताएंगे कि अलग-अलग प्रोडक्ट पर कितना टैक्स लग सकता है-
इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड (लॉन्ग टर्म- एक साल से भी ज्यादा का समय)
सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स- 0.001%
• शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स- 15.6%
• डिविडेंड पर टैक्स- स्लैब रेट
• लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स- 10.4%
लिस्टेड स्टॉक (लंबी अवधि वाले- जिसका समय एक साल से भी ज्यादा हो)
सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स
• इंट्राडे- 0.025% (केवल सेलर द्वारा भुगतान किया जाएगा)
• डिलीवरी- 0.1% (बायर और सेलर दोनों की तरफ से भुगतान देय होगा)
• शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स- 15.6%
• डिविडेंड पर टैक्स- स्लैब रेट
• लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स- 10.4%
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (लॉन्ग टर्म- एक वर्ष से ज्यादा)
सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स
• डिविडेंड पर टैक्स- नॉट एप्लीकेबल
• शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स- 15.6%
• डिलीवरी- 0.001% (केवल सेलर को ही भुगतान करना होगा)
• लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स- 10.4%