अडानी मामले में SEBI ने सुप्रीम कोर्ट के सामने बड़ा खुलासा कर दिया!
SEBI Supreme Court Gautam Adani: अडानी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) में जांच कर रही सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया यानी SEBI ने सुप्रीम कोर्ट को बड़ी जानकारी दी है. सोमवार 15 मई को SC में Adani Case में सुनवाई हुई थी. जहां SEBI ने SC को बताया कि Adani Group की किसी भी लिस्टेड कंपनी की जांच 2016 से SEBI नहीं कर रहा है, यह दावा पूरी तरह से गलत है.
SEBI ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने हलफनामे में कहा है 2016 से लेकर अबतक 51 कंपनियों की जांच हुई है. ये जांच इन लिस्टेड कंपनियों द्वारा ग्लोबल डिपोजिटरी रिसीट (GDR) से संबंधित हैं. मगर इन 51 कंपनियों में एक भी अडानी समूह की कंपनी नहीं है. SEBI ने SC में पूरे तथ्यों को सामने पेश करते हुए यह साबित किया है कि अडानी ग्रुप की किसी भी कंपनी के खिलाफ जांच लंबित होने की बात आधारहीन है.
Adani-Hindenburg Case के लिए SEBI को वक़्त चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने Adani-Hindenburg मामले की जांच SEBI को दी है. सोमवार को पेशी के दौरान SEBI ने अपने हलफनामे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की चल रही जांच के बारे में भी जानकारी दी है. SEBI ने सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का वक़्त मांगा है. SEBI का कहना है कि Hindenburg में जो 12 संदिग्ध ट्रांजेक्शन का जिक्र किया गया है वो काफी जटिल हैं
ये ट्रांजेक्शन दुनिया के कैसे देशों की कंपनियों से जुड़े हैं. सेबी ने कहा है कि इन सभी 12 लेनदेन के जुड़े आंकड़ों को जान करने और नजदीकी पड़ताल करने के लिए काफी समय लगेगा। और इसी लिए हमने 6 महीने का वक़्त माँगा है. SEBI का कहना है कि जांच करने के लिए और मार्केट के साथ न्याय करने के लिए समय मिलना बेहद जरूरी है
रिपोर्ट्स के अनुसार SEBI ने कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में बतया है कि उसने 11 विदेशी रेगुलेटर्स से इस मामले में जानकारी सार्वजनिक करने के लिए कहा है. और उनसे पूछा है कि क्या अडानी ग्रुप अपने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध शेयरों के संबंध में किसी मापदंड का उल्लंघन किया है?
SC इस जांच के लिए SEBI को 6 महीने का समय देने के पक्ष में नहीं है. CJI ने कहा है कि 6 महीने का वक़्त काफी ज़्यादा है. इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार 16 मई को होगी।