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SBI की गरीबों से वसूली: 3 साल में ट्रांजेक्शन फीस के नाम पर वसूलें 164 करोड़ रुपए

SBI की गरीबों से वसूली: 3 साल में ट्रांजेक्शन फीस के नाम पर वसूलें 164 करोड़ रुपए
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SBI's recovery: स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने 12 करोड़ जनधन खता धारकों से ट्रांजेक्शन के नाम पर 164 करोड़ रुपए वसूल लिए

देश के गरीब लोगों को बैंकिंग सुविधा से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने जनधन खाते की शुरुआत की थी, ये अलग बात है कि इस दौरन गरीब इतने गरीब हो गए कि खाते में पैसा डालने के लिए उनके पास कोई कमाई का जरिया नहीं था। इस दौरन SBI बैंक गरीबों के जनधन खाते से भी उगाही करता रहा। बैंक ने साल 2017 से 2019 तक चार महीने से अधिक डिजिटल लें-देन पर हर बार 17.70 रुपए वसूलता रहा। IIT बॉम्बे की एक रिपोर्ट से ये मामला सामने आया है इस दौरन 12 करोड़ जनधन खतों से SBI ने 164 करोड़ रुपए की उगाही की।

रिपोर्ट के अनुसार SBI ने बैंक खाता खुलवाने के इससे जुडी शर्त का उल्लंघन किया, इतना ही नहीं बैंक ने RBI की गाइडलाइन को नज़रअंदाज करते हुए नई सेवाओं को जोड़ने के लिए वसूले जाने वाले शुल्क को रीजनेबल रखने की तादीक की थी।

दूसरे बैंकों से उलट वसूली की

IIT बॉम्बे की रिपोर्ट के मुताबिक SBI में जनधन खता धारकों को हर महीने 4 से अधिक ट्रांजेक्शन की अनुमति नहीं थी। लेकिन SBI ने खेला कह लिया और दूसरे बैंकों से उलट 4 से अधिक डिजिटल लेनदेन की अनुमति दी लेकिन हर ट्रांजेक्शन में 17.70 रुपए की वसूली करने लगा। यानी के 4 ट्रांजेक्शन के बाद अगर कोई ग्राहक 20 रुपए का सामान भी खरीदता तो 17.70 रुपए और लात लिए जाते रहे।

जनघन खाता धारकों से कोई अतिरिक्त शुल्क लेने का प्रावधान नहीं है।

रिपोर्ट में SBI ने इस रिपोर्ट में लगे आरोपों को ख़ारिज किया है। जबकि RBI के 2013 के सिद्धांतों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि SBI के जनधन खाताधारकों से कोई अतिरिक्त शुक्ल नहीं थी। इसमें ये स्पष्ट कि बैंक शुल्क लगातार अतिरिक्त सुविधाएं देता है तो वह सामान्य बचत खाता माना जाएगा।



Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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