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RBI ने श्रीलंका के लिए $ 400 मिलियन मुद्रा विनिमय (currency swap) सुविधा पर हस्ताक्षर किए
Ankit Neelam Dubey
16 Feb 2021 11:56 AM IST
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RBI ने श्रीलंका के लिए $ 400 मिलियन मुद्रा विनिमय सुविधा पर हस्ताक्षर किए ध्यातव्य है कि यह मुद्रा विनिमय समझौता नवंबर 2022
RBI ने श्रीलंका के लिए $ 400 मिलियन मुद्रा विनिमय (currency swap) सुविधा पर हस्ताक्षर किए
चर्चा में क्यों?
- श्रीलंका ने हाल ही में RBI के साथ 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- ध्यातव्य है कि यह मुद्रा विनिमय समझौता नवंबर 2022 तक मान्य होगा।
कारण
- श्रीलंका द्वारा यह समझौता मुख्य तौर पर COVID-19 के परिणामस्वरूप उत्पन्न आर्थिक संकट के पश्चात् अल्पकालिक अंतर्राष्ट्रीय तरलता संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से किया जा रहा है
महत्त्व
- यह समझौता COVID-19 महामारी के बीच श्रीलंका को राहत प्रदान करेगा और उसे कोरोना वायरस महामारी की समाप्ति के बाद अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में सहायता करेगा। यह समझौता COVID-19 महामारी और उसके बाद आर्थिक विकास की दिशा में श्रीलंका के साथ कार्य करने की भारत की प्रतिबद्धता का एक सशक्त उदाहरण है।
मुद्रा विनिमय समझौता और उसका महत्त्व
- सामान्य शब्दों में मुद्रा विनिमय एक प्रकार का विदेशी विनिमय समझौता होता है जो दो पक्षों के बीच एक मुद्रा के बदले दूसरी मुद्रा प्राप्त करने हेतु एक निश्चित समय के लिये किया जाता है। मुद्रा विनियम का मुख्य उद्देश्य विदेशी मुद्रा बाज़ार और विनिमय दर में स्थिरता तथा अन्य जोखिमों से बचना होता है। सामन्यतः किसी देश का केंद्रीय बैंक और वहाँ की सरकार देश में विदेशी मुद्रा की पर्याप्तता सुनिश्चित करने के लिये विदेशी समकक्षों के साथ मुद्रा विनिमय समझौते में संलग्न होते हैं।
भारत-श्रीलंका संबंधों के हालिया घटनाक्रम
- ध्यातव्य है कि बीते वर्ष जब श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे भारत के दौरे पर आए थे, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के लिये 450 मिलियन डॉलर के लाइन ऑफ क्रेडिट की घोषणा की थी। विशेषज्ञों ने भारत सरकार के इस निर्णय को ‘संबंध मज़बूत करने के सक्रिय दृष्टिकोण के रूप में परिभाषित किया था।
- आँकड़ों के अनुसार, श्रीलंका ने अब तक भारत से कुल 960 मिलियन डॉलर का क़र्ज़ लिया है, उल्लेखनीय है कि हालिया मुद्रा विनिमय समझौता भी इसी ऋण से संबंधित एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया है। विदित हो कि बीते ही वर्ष श्रीलंका ने भारत और जापान के साथ कोलंबो बंदरगाह पर ईस्टर्न कंटेनर टर्मिनल बनाने को लेकर एक समझौता किया था।
- तीनों देशों ने संयुक्त रूप से कोलंबो बंदरगाह पर ईस्ट कंटेनर टर्मिनल के निर्माण पर सहमति व्यक्त की थी।
- हालाँकि कोलंबो बंदरगाह पर स्थिति इस परियोजना को लेकर हो रहे विरोध के चलते श्रीलंका ने अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। भारत ने COVID-19 से निपटने में भी श्रीलंका की सहायता की है और एक एम्बुलेंस सेवा शुरू करने में भी श्रीलंका की मदद की है।
- भारत द्वारा प्रदान की गई यह सहायता दोनों देशों के मध्य स्वास्थ्य क्षेत्र में अच्छे संबंधों को दर्शाती है।
- श्रीलंका में आज भी लोकप्रिय तमिल नेता तमिल प्रश्न के लंबित राजनीतिक समाधान पर भारत का आह्वान करते हैं।
- गौरतलब है कि भारत ने वर्ष 1983 में श्रीलंकाई तमिलों और बहुसंख्यक सिंहलियों के बीच हुए गृह युद्ध में सक्रिय भूमिका निभाई थी और श्रीलंका के संघर्ष को एक राजनीतिक समाधान प्रदान करने के लिये वर्ष 1987 में भारत-श्रीलंका समझौते पर हस्ताक्षर भी किये गए थे।
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Ankit Neelam Dubey
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