Rate Hike Cycle: बढ़ रही हैं ब्याज की दरें क्या पसंदीदा होगा डेट मार्केट? जानिए निवेशकों के पास कौन कौन से विकल्प हैं?
Best Option to Investment in Rate Hike Cycle: पिछले 2 वर्षों से ब्याज की दरें (Interest Rate) काफी सस्ती रही है, घरेलू स्तर पर देखा जाए तो ब्याज की दरें (Interest Rates) निचले स्तरों पर रहे हैं और हमारी सरकार का प्रमुख फोकस ग्रोथ रहा है। कोरोना महामारी (Covid-19) के खत्म होते ही बहुत सी चुनौतियां सामने आकर खड़ी हो चुकी है। उनमें से कुछ प्रमुख फैक्टर है कमज़ोर ग्लोबल संकेत, रूस और यूक्रेन के मध्य छिड़ी जंग के चलते बढ़ती हुई अनिश्चितता, कई वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष महंगाई का उच्च शिखर तक पहुंचना, और यूएस फेड के द्वारा दरों में की जाने वाली बढ़ोतरी। ये कुछ ऐसे फैक्टर्स है जिनकी वजह से मार्केट पर दबाव बढ़ रहा है। बात करें इक्विटी मार्केट (Equity Market) की तो उसमें भी बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है और ऐसा अनुमान है कि आगे आने वाले दिनों में भी मार्केट में बहुत ज्यादा आउटफ्लो देखा जा सकता है। ऐसे में रेट हाइक साइकिल (Rate Hike Cycle) के चलते निवेशकों को क्या करना चाहिए आइए जानते हैं –
महंगाई है एक बहुत बड़ी चिंता का विषय
घरेलू हो या ग्लोबल लेवल पर दोनों परिस्थितियों में महंगाई (Inflation) का बढ़ना बहुत बड़ी चिंता का विषय है। जिन देशों की अर्थव्यवस्था में बढ़ी हैं उनमें भी आजकल महंगाई कई दशकों के उच्चतम शिखर पर है। यही कारण है कि प्रमुख सेंट्रल बैंकों के द्वारा पॉलिसी को सख्त कर दिया गया है और ब्याज दरों की बढ़ोतरी की गई है। आपको बता दिया आरबीआई ने मई से लेकर अब तक जीरो दशमलव 0.90% रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी की है।
डिपॉजिट रेट है स्टेबल जबकि लेंडिंग रेट बढ़े है
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि महंगाई (Inflation) की दर अभी कुछ समय के लिए अपने उच्चतम शिखर पर बनी रहेगी और इसे कंट्रोल करने के लिए ब्याज की दरें भी और बढ़ाई जा सकती हैं। इससे जो प्रभाव पड़ेगा वह यह होगा कि लेंडिंग रेट (Landing Rates) में बढ़ोतरी होगी लेकिन ऐसा अनुमान है कि डिपॉजिट रेट(Deposite Rate) यानि कि जमा करने की दर ऐसी नहीं होगी। केंद्रीय बैंकों (central bank) के पास अच्छी मात्रा में लिक्विडिटी है और इस समय लोन की डिमांड भी अच्छी है इसलिए बैंकों के द्वारा डिपॉजिट रेट में बढ़ोतरी नहीं की जा सकती ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।
ये हैं निवेशकों (Investors) के लिए विकल्प
करें शॉर्ट ड्यूरेशन वाले मैच्योरिटी फंड में निवेश
लगातार बढ़ते हुए ब्याज दर की स्थिति को देखते हुए निवेशकों के लिए बेहतर होगा कि वह शॉर्ट ड्यूरेशन मैच्योरिटी फंड में निवेश करें। ये यील्ड में बढ़ोतरी के चलते होने वाले नुकसान को कम करने में मदद कर सकता है। वही हाई यील्ड पर बार-बार भी इन्वेस्टमेंट करने में भी लाभ होता है।
लॉन्ग ड्यूरेशन फंड में एसआईपी
लॉन्ग ड्यूरेशन फंड के लिए यील्ड में बढ़ोतरी हुई है और यह आकर्षक भी है। बाजार में अस्थिरता के चलते जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं वो high-yield का फायदा उठाकर लॉन्ग ड्यूरेशन फंड में एसआईपी के माध्यम से निवेश करें।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
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