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Profitable Farming Business Idea In Hindi April 2023: गेहूं-सरसों की कटाई के बाद खेत में बोएं ये फसल, कुछ महीनो में बन जाएंगे करोड़पति, सरकार ने बढ़ाई MSP

Profitable Farming Business Idea In Hindi April 2023: गेहूं-सरसों की कटाई के बाद खेत में बोएं ये फसल, कुछ महीनो में बन जाएंगे करोड़पति, सरकार ने बढ़ाई MSP
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Profitable Farming Business Idea in Hindi April 2023: गेहूं कटने के पश्चात खाली हुए खेतों पर अगर एक खास किस्म की खेती की जाए तो किसानों को बहुत लाभ होगा। सरकार ने फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बढ़ाया हुआ है।

Profitable Farming Business Idea in Hindi April 2023: मुख्य फसल गेहूं पक कर तैयार है। देश के ज्यादातर राज्यों में गेहूं की फसल की कटाई चल रही है। गेहूं कटने के पश्चात खाली हुए खेतों पर अगर एक खास किस्म की खेती की जाए तो किसानों को बहुत लाभ होगा। सरकार ने किस फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बढ़ाया हुआ है। बताया गया है कि किसान गेहूं और सरसों की कटाई के पश्चात जूट की खेती करें। आइए जूट की खेती के संबंध में जानकारी प्राप्त करें।

क्या है बोनी का समय

जानकारों की माने तो जूट की खेती के लिए सबसे बढ़िया समय मार्च और अप्रैल का महीना होता है। मार्च और अप्रैल के महीने में झूठ की बोनी कर देनी चाहिए। कम लागत में जूट की खेती से ज्यादा लाभ प्राप्त होता है। किसान चाहे तो खरीफ फसल के पहले जूट की खेती कर अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

जूट उत्पादक राज्य

देश में कई राज्यों द्वारा जूट की बंपर खेती की जाती है। जूट का सर्वाधिक उत्पादन पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, उड़ीसा, बिहार, असम, उत्तर प्रदेश और मेघालय जैसे राज्यों में किया जाता है। यह ज्यादा सिंचाई वाली फसल है। बताया गया है कि इन राज्यों के 83 जिलों में झूठ का सर्वाधिक उत्पादन हो रहा है।

बताया गया है कि दुनिया में होने वाले जूट के कुल का उत्पादन का 50 प्रतिशत उत्पादन केवल भारत करता है। देश में कुल उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा पश्चिम बंगाल से होता है। वैसे तो जूट का उत्पादन बांग्लादेश चीन और थाईलैंड में भी भारी मात्रा में किया जा रहा है।

जूट का प्रमुख उपयोग

जूट का सर्वाधिक उपयोग अनाज पैक करने के लिए बोरियां बनाने में किया जाता है। आज जूट की कई ऐसी किस्में पैदा होने लगी है जिनसे उत्तम किस्म के जूट रहे हैं। इस जूट का उपयोग बैग, थैला, बोरी, टोकरी बनाने में किया जाता है। भारी मात्रा में जूट का निर्यात भी किया जा रहा है।

बढ़ गई एमएसपी

कच्चे जूट के एमएसपी पर 6 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वर्ष 2023-24 के लिए झूठ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इस वर्ष जूट पर 300 रूपया बढ़ाया गया है। सरकार के इस फैसले से देश के करीब 40 लाख किसानों को जूट की खेती की वजह से फायदा होगा।

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