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Pratiksha Tondwalkar: कहानी ऐसी महिला कि, जो कभी बैंक में स्वीपर थी और आज SBI की AGM है

Pratiksha Tondwalkar: कहानी ऐसी महिला कि, जो कभी बैंक में स्वीपर थी और आज SBI की AGM है
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Pratiksha Tondwalkar Success Story: प्रतीक्षा तोंडवलकर SBI में Assistant General Manager हैं लेकिन आज से 37 साल पहले वो बैंक की सफाई कर्मी थीं

Pratiksha Tondwalkar Story: कोई पूछे कि सफलता कैसे मिलती है तो इसका सिर्फ एक जवाब है 'मेहनत' कर्म करो और फल की चिंता ना करो जैसा सूत्र ही सफलता की कुंजी है. आज हम आपको ऐसी इंस्पायरिंग महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जो 37 साल पहले बैंक में झाड़ू-पोछा का काम करती थी और आज वही प्रतीक्षा तोंडवलकर भारत के सबसे बड़े बैंक SBI में असिस्टेंट जनरल मैनेजर है.

हम बात कर रहे हैं Assistant General Manager Of SBI 'Pratiksha Tondwalkar' की जिनके संघर्ष से लेकर सफलता की कहानी आज लोगों को कुछ कर दिखाने और कभी हार ना मानाने की प्रेरणा देती है. हम बात कर रहे हैं गरीब महिला कि जो कभी अपने परिवार का सहारा बनने के लिए बैंक में स्वीपर का काम करती थी और आज State Bank Of India में AGM है. प्रतीक्षा तोंडवलकर के साथ कोई चमत्कार नहीं हुआ ना ही उनकी लॉटरी लगी. यह मुकाम उन्होंने वैसे ही हासिल किया जिसे लोग Hard Work कहते हैं.

कौन है प्रतीक्षा तोंडवलकर

Who Is Pratiksha Tondwalkar: पुणे से नाता रखने वालीं SBI AGM प्रतीक्षा तोंडवलकर का जन्म 1964 में हुआ था. जब वो 17 बरस की थीं तो उनके हाथ पीले हो गए थे. जब वह 20 साल की हुईं तो उनके पति का देहांत हो गया. अब परिवार में कोई कमाने वाला नहीं बचा था और ना ही प्रतीक्षा ने इतनी पढाई की थी कि उन्हें अच्छी नौकरी मिल सकती थी.


प्रतीक्षा तोंडवलकर ने अपने परिवार का सहारा बनने के लिए स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) में स्वीपर की नौकरी करने लगीं। उनका काम यहां झाड़ू-पोछा करना था. प्रतीक्षा ने मुंबई के नाइट कॉलेज विक्रोली से पढाई करनी शुरू कर दी. 1995 में उन्हें साइकोलॉजी में बेचलर की डिग्री मिल गई डिग्री मिलने के बाद प्रतीक्षा स्वीपर से क्लर्क बन गईं.

उनका सफर यहीं नहीं थमा उन्होंने क्लर्क रहते इतनी मेहनत और लगन से काम किया की उन्हें क्लर्क से स्केल 4 और उसके बाद CGM और अब AGM बना दिया गया है. 37 साल पहले जो प्रतीक्षा तोंडवलकर SBI में झाड़ू लगाती थीं वहीं आज उस बैंक की AGM हैं.

प्रतीक्षा को रिटायर होने में 2 साल बाकी हैं, लेकिन यहां सफलता की राह खत्म नहीं होती है। उन्हें 2021 में नेचुरोपैथी प्रोग्रम की डिग्री लेने के बाद प्रतीक्षा अब रिटायरमेंट प्लान नहीं बल्कि अपनी एजुकेशन से दूसरे जरूरतमंदों की मदद करने की योजना बना रही हैं.

वाकई प्रतीक्षा तोंडवलकर की सफलता की कहानी प्रेरणादायक है.

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