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खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान मे चाहिए भरपूर उत्पादन तो इन किस्मों की करें बोनी, प्रति एकड़ 40 से 45 क्विंटल की पैदावार

Kharif season
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खरीफ की मुख्य फसल धान ज्यादातर क्षेत्रों में बोई जाती है। झाइयों कहीं की किसानों को खरीफ सीजन में नगदी के तौर पर धान की खेती की जाने लगी है।

खरीफ की मुख्य फसल धान ज्यादातर क्षेत्रों में बोई जाती है। झाइयों कहीं की किसानों को खरीफ सीजन में नगदी के तौर पर धान की खेती की जाने लगी है। जब से समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा धान की खरीदी शुरू की गई है तब से निरंतर धान के बोनी रकवा में बढ़ोतरी हो रही है। किसान जमकर धान की खेती कर रहे हैं। वर्तमान समय में धान की खेती का समय चल रहा है। किसान नर्सरी डालने की तैयारी में जुटे हुए हैं। यह बात अलग है कि मानसून के देर होने की वजह से किसानों में असमंजस की स्थिति चल रही है। फिर भी बताया जा रहा है कि अगर किसान धान की बोनी कर रहे हैं तो उन्नत किस्म की ज्यादा उत्पादन देने वाली धान बीज का उपयोग करें।

पूसा 834 बासमती को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान आईएआरआई द्वारा विकसित किया गया था। एक अर्थ बौनी किस्म है। बताया गया है कि यह धान 125 से 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है। धान के संबंध में बताया गया है कि इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होने के साथ ही भरपूर उत्पादन की क्षमता होती है। प्रति हेक्टेयर 6 से 7 टन धान का उत्पादन लिया जा सकता है।

पंत धान 12 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है। यह भी एक अर्ध बौनी किस में है। यह 110 से 115 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। संचित इलाकों के लिए यह बहुत बढ़िया धान है। इसमें प्रति हेक्टेयर 7 से 8 टन का उत्पादन बताया गया है।

क्रांति धान 6444 के संबंध में बताया गया है कि यह 130 दिन में यह पक कर तैयार हो जाने वाली धान है। बताया गया है कि इसमें 40 से 45 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन होता है।

पूसा सुगंध 4 के संबंध में बताया गया है कि यहवर्ष 2002 में विकसित की गई धान की नई किस्में है। यह 120 से 25 दिन में पक्का तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ इसका उत्पादन 40 से 45 क्विंटल के करीब है। इस धान का दाना लंबा और चावल सुगंधित होता है।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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