Mutual Funds: क्या होता है म्यूच्यूअल फंड और इसमें इन्वेस्टमेंट कैसे करते हैं, ये सारे जवाब यहीं मिल जाएगें
Mutual Funds: आज कल देश में स्टॉक, क्रिप्टोकरेंसी और म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्ट करने का चलन बढ़ने लगा है। अमूमन लोग अपनी कमाई से हुई बचत को बैंक में जमा कर देते हैं जहाँ ब्याज काफी कम मिलता है लेकिन जो लोग जोखिम उठा कर अतिरिक्त कमाई करना चाहते हैं वो अपने पैसों की बचत नहीं उन्हें इन्वेस्ट करते हैं। आज के ज़माने में अगर एक से ज़्यादा आय का जरिया ना हो तो ज़िन्दगी थोड़ी मुश्किल भरी होती है। आज हम आपको म्यूच्यूअल फंड के बारे में बताने जा रहे हैं, ये क्या होता है, इसमें कैसे निवेश किया जाता है, इसमें रिस्क कितना होता है और कैसे इन्वेस्टमेंट करना चाहिए सब कुछ आज ही बता डालेंगे।
वैसे सबसे बढ़िया बात तो ये है की Mutual Funds tax सेविंग होते हैं। अगर आप किसी म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं तो आपको Income Tax से छूट मिलती है। लेकिन इसमें 3 साल का इनलॉक पीरियड होता है जिसके तहत आप 3 साल तक अपने जमा पैसे निकाल नहीं सकते हैं। म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने पर आपको 15% तक रिटर्न मिल जाता है।
निवेश करने से पहले स्टडी कर लेनी चाहिए (Mutual Fund Investment Tips)
अगर आप भी म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्ट करने की सोच रहे है तो सबसे पहले थोड़ा बहुत ज्ञान लेलेना चाहिए वर्ण पैसा फंसने और डूब जाने का खतरा होता है। असल में म्यूच्यूअल फंड हॉउस Equity में इन्वेस्ट करते हैं, यही कारण है कि इनकी वोलैटिलिटी (Volatility) ज़्यादा होती है। वोलैटिलिटी रिस्क नापने का एक तरीका है जिसमे अस्थिरता किसी दी गई सेक्योरिटी या मार्केट इंडेक्स के लिए रिटर्न के डिस्पर्सन की एक सांख्यिकीय माप है। जितनी अधिक वोलैटिलिटी उतना अधिक रिस्क होता है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट हमेशा म्यूच्यूअल फंड में लॉन्ग टर्म इन्वेस्ट करने की सलाह देते हैं। 5 से 10 साल तक के लिए किया गया इन्वेस्टमेंट महंगाई दर के अनुपात में अच्छा रिटर्न देते हैं।
आपका पैसा अलग अलग स्टॉक में लगता है (How Mutual Fund Works)
म्यूच्यूअल फंड हॉउस में एक फंड मैनेजर होता है को आपके द्वारा इन्वेस्ट किए गए पैसों से अलग अलग स्टॉक खरीदता है। और उससे जो मुनाफा आता है उससे आपको रिटर्न देकर अपना कमीशन काट लेता है। फंड हॉउस को मैनेज करने के लिए एक कंपनी होती है जैसे HDFC mutual Fund, Aditya Birla Son life Mutul fund, SBI, आदि।
म्यूच्यूअल फंड 3 प्रकार का होता है (Types of Mutual Fund)
म्यूच्यूअल फंड के 3 प्रकार होते हैं। Equity, Debt, और Highbred funds इनमे रिस्क लेने की क्षमता के हिसाब से इन्वेस्टमेंट करना होता है। अगर आप ज़्यादा रिस्क ले सकते हैं तो Equity में इन्वेस्ट करिये कम रिस्क वाले Debt और मॉडरेट रिस्क लेने वाले हाइब्रिड में निवेश कर सकते हैं। इसके सेक्टर भी अलग अलग होते हैं इसमें आप टेक्नोलॉजी में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं और बैंक में भी या फिर ऑटोमोबाइल और एग्रीकल्चर में भी निवेश किया जा सकता है।
निवेश कैसे करते हैं (How to invest in Mutual Fund)
इसमें 2 तरीके से इन्वेस्टमेंट किया जाता है। या तो आप एक साथ राशि का निवेश कर दें या हर महीने एक किश्त के रूप में जमा करे. इस प्रोसेस को SIP कहा जाता है। यानी के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान। इससे आपको रेगुलर सेविंग इन्वेस्टमेंट की हैबिट बन जाएगी। किसी भी म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने से पहले फंड हॉउस का 5 से 10 साल का रिटर्न प्रोसेस देख लेना चाहिए। उनका कमीशन कितना है, एंट्री एग्जिट लोड क्या है, और मैच्योरिटी के बाद कितना पैसा मिलेगा ये सब पता कर लेना चाहिए। आप खुद से या किसी एजेंट के ज़रिये इसमें इन्वेस्ट सकते हैं। जिसके लिए आपको KYC करवानी होती है। म्यूच्यूअल फंड में लॉन्ग टर्म निवेश करने पर आपको कुल रकम का 15% तक रिटर्न मिल सकता है जो किसी भी बैंक से कई गुना ज़्यादा है।