Mustard Farming: सरसों की खेती करने के ये है शानदार टिप्स, होगी जबरदस्त कमाई, जानिए कैसे?
sarso ki kheti
Mustard Farming: वर्तमान समय में बढ़ रहे सरसों के तेल की कीमत किसानों को राई तथा सरसों की खेती की ओर प्रेरित कर रहा है। वही महाराष्ट्र की बात करें तो वहां बारिश होने से गेहूं की बोनी प्रभावित हो रही है। ऐसे में महाराष्ट्र के किसान भी राई की खेती गेहूं के विकल्प के रूप में मान रहा है। ऐसे में आवश्यक है कि किसान राई की भरपूर उपज प्राप्त करने राय की उन्नत किस्म के बीजों को अपनाएं।
फसल की कीमत ज्यादा
अगर वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार सरसों या राई की खेती की जाए तो काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। किसान चाहे तो गेहूं के स्थान पर राई की खेती कर अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। गेहूं की अपेक्षा राई तथा सरसों की कीमत 60 से 70 फ़ीसदी ज्यादा होती है।
बोनी शुरू करें किसान
भारतीय किसान को देश के कृषि वैज्ञानिक भी गेहूं और सरसों की बोनी जल्दी से जल्दी करने की ओर प्रेरित कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए राई और सरसों की बोनी जितनी जल्दी हो सके कर ले। वहीं गेहूं की बोनी का समय भी बहुत उपयुक्त है। इस मौसम में गेहूं की बोनी अधिक पैदावार दे देती है।
सरसों की खेती से जुड़ी विशेष जानकारी
-सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए वैज्ञानिकों का कहना है सरसों की बुवाई में अब किसान भाई देरी न करें।
-सरसों बोने के पहले मिट्टी का परीक्षण करवाएं अगर उस में सल्फर की मात्रा कम है तो 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर किधर से छिड़काव करें। साथ में यह भी ध्यान दें कि मिट्टी में बोनी के समय पर्याप्त नमी रहे।
-बात अगर उन्नत किस्म की करें तो सरसों का पूसा विजय, पूसा 29, पूसा 30, पूसा 31 की बोनी करें। वही बीज को उपचारित कर बोना चाहिए।