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एमपी के हरदा की बेटी ने फूलों से बनाया एनर्जी ड्रिंक, ग्लोबल समिट के लिए हुआ सिलेक्शन

Sanjay Patel
23 Dec 2022 5:07 PM IST
एमपी के हरदा की बेटी ने फूलों से बनाया एनर्जी ड्रिंक, ग्लोबल समिट के लिए हुआ सिलेक्शन
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हरदा के एक किसान की बेटी ने कुछ अलग करने की ठानी। उसने आधुनिक तरीके से रोजले के फूलों की खेती कर उसका जूस बनाया। संभवतः यह फूलों के इस्तेमाल से तैयार किया गया भारत का पहला एनर्जी ड्रिंक है।

हरदा के एक किसान की बेटी ने कुछ अलग करने की ठानी। उसने आधुनिक तरीके से रोजले के फूलों की खेती कर उसका जूस बनाया। संभवतः यह फूलों के इस्तेमाल से तैयार किया गया भारत का पहला एनर्जी ड्रिंक है। खेती में इनोवेशन के लिए उनका सिलेक्शन इंदौर में होने वाली ग्लोबल समिट के लिए किया गया है।

8 से 12 जनवरी तक होगी ग्लोबल समिट

इंदौर में ग्लोबल समिट का आयोजन 8 से 12 जनवरी तक होगा। जिसके लिए हरदा की बेटी का चयन किया गया है। समिट को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संबोधित कर सकते हैं। हरदा की अर्चना नागर 39 वर्ष ने कॉमर्स से ग्रेजुएशन और राजनीति में मास्टर्स किया। उनके द्वारा पारंपरिक खेती से हटकर ठानी गई। जिसके लिए उन्होंने रोजले की आधुनिक तरीके से खेती की गई और इसके बाद उनका जूस बनाया गया। इस दौरान उनकी मां निर्मला देवी ने भी उनकी मदद की। बेटी के साथ मां भी इस कार्य में अपना सहयोग देने लगीं। दोनों ने मिलकर रिसर्च किया और उनके इसी जुनून ने उन्हें ग्लोबल समिट में हिस्सा लेने का अवसर दिला दिया।

आस्ट्रेलियन कंपनी ने दिए थे रोजले के बीज

अर्चना नागर की मानें तो वह खेती को लाभ का धंधा बनाकर ऐसा काम करना चाहती थीं जिसमें लागत के साथ मेहनत कम लगे और इससे ज्यादा फायदा मिल सके। बताया गया है कि आस्ट्रेलिया बेस्ड कंपनी पांच साल पूर्व शहर में आई थी। जिसमें फूलों के फायदे के बारे में बताया गया था और उसकी खेती करने की सलाह भी कंपनी द्वारा दी गई थी। इसके लिए बीज भी प्रदान किए गए थे। लेकिन अफ्रीकी फूल रोजले के बीज हरदा में उग ही नहीं पाए। दो साल नुकसान उठाने के बाद भी अर्चना ने हार नहीं मानी। इसके बाद रिसर्च करके खेतों में अलग तकनीक से काम करना प्रारंभ किया गया तब जाकर खेत फूलों से लहलहाने लगे। सेहत बनाने में मददगार व इसकी अन्य खासियतों के चलते इसका ड्रिंक बनाकर बेचने की अर्चना द्वारा ठानी गई।

फूलों से बनाया जाता है पाउडर

हरदा निवासी अर्चना के मुताबिक इस दौरान जब खेतों में फूल तैयार हो जाते हैं तब इसे कटर से काटा जाता है। क्योंकि यह हाथ से नहीं टूटते। इसके बाद फूलों को सुखाया जाता है। इनकी पत्तियों को कंपनी में ले जाते हैं जहां दोबारा सुखाया जाता है। फूलों का पाउडर बनाकर पैक कर बाहर भेज देते हैं। पाउडर में कई फ्लेवर्स हैं। जिसमें दालचीनी, जिंजर, लेमन ग्रास और इलायची को भी उनके द्वारा खेतों में उगाया जाता है और सुखाने के बाद फूलों के पाउडर में मिला जाता है। जूस में मिठास लाने के लिए शक्कर की जगह मिश्री का उपयोग किया जाता है।

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