त्रिनेत्र धारी भगवान भोलेनाथ को इस मन्त्र से करे खुश, घर में बरसेंगे पैसे ही पैसे, हर मनोकामना होगी पूरी, जानिए!
भगवान भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवों में से एक है। कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ शिव शंभू को साधारण सी पूजा कर प्रसन्न किया जा सकता है। भगवान भोलेनाथ को जिसने भी प्रसन्न कर लिया उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। आज हम देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मंत्र बताने जा रहे हैं। जिनका अगर नियमित पाठ किया जाए तो भगवान भोलेनाथ का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मंत्र जाप की विधि
हमारे सनातन धर्म में कहा गया है कि बिना मंत्र कि कोई भी सिद्धि प्राप्त नहीं होती। इसीलिए पूजा पाठ में मंत्रों का बहुत बड़ा महत्व है। पूजा करते समय मंत्रों का जाप करना पूर्ण बताया गया है।
वही कहा गया है कि अगर हम प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ की पूजा नहीं कर सकते तो मंत्रों का जाप करना भी फलदाई होता है।
कितनी बार करना होता है जाप
आज हम जिन मंत्रों के बारे में बताना चाह रहे हैं मंत्रों को कम से कम 108 बार जाप करना होगा। आज हम आपको भगवान भोलेनाथ के नामावली मंत्र बताने जा रहे हैं। इन मंत्रों का सोमवार के दिन जाप करना सबसे उपयुक्त बताया गया है।
यह है नामावली मंत्र
।। श्री शिवाय नमः ।।
।। श्री शंकराय नमः ।।
।। श्री महेशवराय नमः ।।
।। श्री सांबसदाशिवाय नमः ।।
।। श्री रुद्राय नमः ।।
।। ओम पार्वतीपतये नमः ।।
।। ओम नमो नीलकण्ठाय ।।
पंचाक्षरी मंत्र
वही बताया गया है कि अगर सोमवार के दिन अगर ज्यादा नहीं हो सकता है तो पंचाक्षरी मंत्र का जाप करना चाहिए। वह पंचाक्षरी मंत्र है " ओम नमः शिवाय"। इस पंचाक्षरी मंत्र में इतनी शक्ति है कि यह भगवान भोलेनाथ शंकर सकता है।
वहीं अगर शिव गायत्री मंत्र का विधि विधान से जाप किया जाए तो मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। यह शिव गायत्री मंत्र ।। ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात ।।
प्रतिदिन सुबह करें शिव नमस्कार मंत्र का जाप
सोमवार के दिन पूजा शुरू करने के पहले शिव नमस्कार मंत्र का जाप करना चाहिए। कहा गया है कि यह मंत्र भगवान भोलेनाथ को प्रिय है। इस मंत्र से पूजा करते समय एकाग्रता बढ़ती है जिससे भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
यह मंत्र है
"नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शन्कराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।। ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिर्ब्रम्हणोधपतिर्ब्रम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।"
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।