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Finance Tips: जानिए क्या है Pre-EMI और Full-EMI में अंतर

Finance Tips: जानिए क्या है Pre-EMI और Full-EMI में अंतर
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आइये जानते हैं Pre-EMI और Full-EMI से जुडी हर जानकारियां।

अगर आप प्रॉपर्टी लेने की योजना बना रहे हैं तो आपको कुछ बाते पता होनी चाहिए। याद रहे किसी भी अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में अगर आप इंवेस्ट करना चाहे, तो आपको संबंधित लोन बैंक से कुछ चीजों के बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए। होम लोन के लिए बैंक साधारणतः आपको दो ऑप्‍शन देगा. एक विकल्प है Pre-EMI का और दूसरा है Full-EMI का. अगर आप इन दोनों के बारे में नहीं जानते हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है आज हम आपको दोन EMI के बारे में जानकारी देंगे-

Pre-EMI

अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी खरीदते समय जब तक पजेशन नहीं मिलता तब तक जो EMI दी जाती है उसे Pre-EMI के नाम से जाना जाता हैं. उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति 50 लाख रुपये का होम लोन लेता है किसी फ्लैट की खरीदने के लिए तो जब तक कंस्ट्रक्शन चालू रहेगा तब तक बैंक की तरफ से बिल्डर को पूरा पेमेंट नहीं किया जाएगा. जैसे-जैसे कंस्ट्रक्शन का काम होता रहेगा बैंक की तरफ से बिल्डर को पेमेंट होता रहेगा. इस दौरान आप जो EMI बिल्डर को पार्शियल पेमेंट के रूप में देते हैं वो सिर्फ इंटरेस्ट होता है.

Full-EMI

Full-EMI में शामिल है प्रिंसिपल अमाउन्ट और इंटरेस्ट दोनों. जब बैंक की तरफ से बिल्डर को पूरा लोन का एमाउंट मिल जाता है तो EMI शुरू हो जाती है.

Pre-EMI कैलकुलेशन:

Pre-EMI के अंतर्गत सिम्पल इंटरेस्ट लगता है, जैसी कि अगर 50 लाख रुपये का होम लोन लिया गया, लेकिन 5 लाख रुपये उसका पहला डिस्बर्समेंट है और इस पर ब्याज है 7.5%. अर्थात् पजेशन से पूर्व बिल्डर को पहली किस्त 5 लाख की जाएगी. 5 लाख का 7.5% है 37,500 रुपये. अगर इसे 12 महिने से डिवाइड कर दें तो एक महीने का EMI है 3125 रुपये. छ महिने के बाद जब फिर से बिल्डर को 5 लाख रुपये दिया जाएगा तो इसमें 3125 रुपये जोड़ दिए जाएंगे. यानी कुल EMI रु.6250. जैसे जैसे बैंक की तरफ से बिल्डर को पेमेंट होगा व्यक्ति का EMI बढता जाएगा.

Pre- Emi Vs Full- Emi

• प्री-ईएमआई में केवल डिस्बर्समेंट एमाउंट पे व्यक्ति सिंपल इंटरेस्ट चुकाता है वही दूसरी ओर फुल-ईएमआई में प्रिंसिपल और इंटरेस्ट दोनों का समावेश होता हैं.

• Pre-EMI शुरू हो जाता है जब बिल्डर के पहला पेमेंट डिस्बर्समेंट होता है जबकी Full-EMI की शुरुआत होती है पजेशन मिलने के बाद.

• प्रिंसिपल एमाउंट की बात करे तो Pre-EMI में ये कम नहीं होता है जबकी Full-EMI में ये कम होता जाता है.

Shailja Mishra | रीवा रियासत

Shailja Mishra | रीवा रियासत

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