Booster Dose से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए, जानिए
COVID-19 booster dose in hindi: 10 जनवरी से भारत में लोगों को कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) की बूस्टर डोज (booster dose) लगानी शुरू कर दी गई है. मनसुख मंडाविया,जो हमारे देश के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हैं, के अनुसार, फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर से जुड़े लोगों को बूस्टर डोज दी जा रही है इसके अतिरिक्त बूस्टर डोज उन लोगों को दी जा रही है जिनकी उम्र साठ वर्ष से ज्यादा है और उन्हे पहले से ही कोई न कोई बीमारी हैं.
डॉक्टर की सलाह के बाद ही इन लोगों को डॉक्टर बूस्टर डोज दी जा रही है। आपको बता दें बूस्टर डोज, कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज है. आज हम इस आर्टिकल के जरिए उन प्रश्नों का उत्तर देने जा रहे हैं, बूस्टर डोज से संबंधित हैं:
क्या वास्तव में बूस्टर डोज देना जरूरी है? (Why is a booster dose of vaccine required)
दो कारणों से बूस्टर डोज देना जरूरी है,
• पहली वजह ये है कि वैक्सीन लगवाने के कुछ समय के बाद शरीर में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी घटने लगती है.
• दूसरी वजह ये है कि, कोरोना का एक नया वैरिएंट है ओमिक्रॉन, जो पहले से ही वैक्सीनेटेड लोगों लोगों को भी संक्रमित कर रहा है. इसलिए बूस्टर डोज लगवाना बेहद जरूरी हो गया है.
किन-किन लोगों को लगवाना चाहिए बूस्टर डोज?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शुरुआत में ये डोज उन लोगों को दी जाएगी जो फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं और जिनकी उम्र 60 साल से अधिक हैं और वे किसी बीमारी से जूझ रहे हैं.
क्योंकि इन लोगों में संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है, इसलिए इन्हें डॉक्टर्स की सलाह लेने के बाद ही बूस्टर डोज लगवा लेनी चाहिए.
वैक्सीन के दूसरे डोज और बूस्टर डोज में कितना अंतर है जरूरी?
आपको बता दें कि बूस्टर कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज है, जिन लोगों ने 9 महीने पहले वैक्सीन लगवाई थी उन्हे बूस्टर डोज लेनी चाहिए। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति ने वैक्सीन की दूसरी डोज मार्च 2021 से पहले ली थी तो वो अब बूस्टर लगवा सकता हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अगर आप तीसरी डोज के लिए योग्य हैं तो आपको कोविन प्लेटफार्म की तरफ से मैसेज मिलेगा. हमेशा याद रखें अगर आप पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो बूस्टर डोज लगवाने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर लें और उनके निर्देश के अनुसार ही बूस्टर डोज लगवाएं।