अगर पहनते है जूता-चप्पल तो ये खबर पढ़ हिल जाएगा आपका दिमाग, जानिए!
आमतौर पर उपयोग होने वाले जूते और चप्पल भी जहां हमारे शरीर को सुविधा देते हैं वही हमारे लिए समस्या भी उत्पन्न करते हैं। मान्यता है कि अगर हम गलत दिन जूता चप्पल खरीदते हैं उसका हमारे जीवन पर गलत प्रभाव पड़ता है। इसी तरह कहा गया है जूता चप्पल पहनने का भी कुछ नियम बताया गया है। जिसमें कहा गया है कि जूता चप्पल पहन कर हमें घर के किस हिस्से में या कमरे में नहीं आना चाहिए। अगर वर्जित स्थानों पर हम जूता चप्पल प्रयोग करते हैं तो हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कब खरीदे जूता चप्पल
जूता चप्पल खरीदने के लिए व्यावहारिक जीवन में प्रचलित मान्यताओं का विशेष महत्व बताया गया है। कई बार लोगों द्वारा तर्क दिया जाता है कि इसका कोई वैदिक लेख नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है कई बार प्रचलित मान्यताएं हैं वैदिकता को पूर्ण करते हैं। इन्हीं मान्यताओं के आधार पर बताया गया है कि हमें अमावस्या, मंगलवार, शनिवार एवं ग्रहण काल में जूते चप्पल नहीं खरीदना चाहिए।
अगर हम इन बताई हुई बातें दिन का परहेज किए बगैर जूता चप्पल खरीद लेते हैं तो भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
यहां पहनकर न जाए जूते चप्पल
वास्तु शास्त्र के जानकार बताते हैं कि हम गृह प्रवेश के समय विधान से पूजा पाठ कर घर में देवताओं की स्थापना कर निवास करते हैं। पूजा-पाठ में हम देवताओं से विनती करते हैं कि वह हमारे घर में निवास करें। लेकिन बाद में हम भूल जाते हैं कि भगवान का निवास हमारे घर में है और हम विधानों की ओर ध्यान नही देते। ऐसे में उनकी सेवा पूजा व्यवस्था न होने से उल्टा प्रभाव हमारे ऊपर पडने लगता है।
भंडार ग्रह
वास्तु में बताए गए नियम के अनुसार भंडार ग्रह में जूता चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए। यहां माता अन्नपूर्णा का निवास होता है। ऐसे में माता अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं और घर में कई तरह की परेशानी आने लगती है।
रसोईघर
रसोई घर में माता अन्नपूर्णा का स्थान होता है। साथ ही भगवान के लिए भी भोजन रसोई से ही तैयार होता है। रसोई एक पवित्र स्थान है यहां माता अन्नपूर्णा के साथ-साथ ही अग्नि देव का भी निवास स्थान है। ऐसी पवित्र जगह में लोग जूता चप्पल पहन कर जाते हैं तो यह देनो देव नाराज होते हैं।
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।