लोहे की अंगूठी पहनते है या पहनना है तो पहले ये खबर पढ़िए!
हमारे जीवन में ग्रहों का प्रभाव कुंडली में बताए अनुसार पड़ता है। ऐसे में कई बार ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए रत्न धारण करने का विधान बताया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कई बार गलत रत्न या अंगूठी धारण करने से लाभ होने के बजाय नुकसान का सामना करना पड़ता है। आज हम बात करने जा रहे हैं लोहे की अंगूठी धारण करने के संबंध में। हम बताने जा रहे हैं ज्योतिष की मान्यताओं के अनुसार लोहे की अंगूठी पुरुष या महिलाओं को किस उंगली में धारण करना चाहिए।
कब पहने लोहे की अंगूठी
ज्योतिष शास्त्र की माने तो राहु केतु और शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए लोहे की अंगूठी धारण करना चाहिए। साथ ही लोहे की अंगूठी धारण करने के अपने नियम और विधान बताए गए हैं। लोहे की अंगूठी किस लोहे की हो और उसे कब धारण करें इसका भी विचार करना होता है।
इस लोहे की हो अंगूठी
कहा गया है कि अगर हमें शनि की शांति के लिए लोहे की अंगूठी धारण करना है तो हमें घोड़े की नाल या फिर नाव के कील की अंगूठी बनवा कर पहना उत्तम बताया गया है। इसकी बनी अंगूठी धारण करने से बहुत जल्दी शनिदेवा अपना आर्शीवाद देते है।
शनिवार को करें धारण
बताया गया है कि हमें लोहे की अंगूठी शनिवार की शाम विधि विधान से पूजा के बाद धारण करना चाहिए। इसके लिए रोहिणी, पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में भी लोहे की अंगूठी धारण की जा सकती है। इसे बहुत सुख बताया गया है।
किस उंगली में पहने अंगूठी
जानकार बताते हैं कि लोहे की अंगूठी पुरुष को अपने दाएं हाथ के बीच वाली उंगली में पहनना चाहिए। अगर किसी कारणवश अंगूठी पहनने में दिक्कत या परेशानी आ रही है तो ज्योतिष उसमें छूट देते हुए बाएं हाथ की मध्यमा धारण करने का विधान बताया गया है।
समझे ग्रहों का प्रभाव
- कहा गया है कि अगर कुंडली के बारहवें भाव में बुध और राहु का स्थान है तो लोहे की अंगूठी की जगह कड़ा पहनना चाहिए। वहीं अगर शुभ प्रभाव दे रहे हैं तो अंगूठी धारण किया जा सकता है।
- अगर कुंडली में शनी स्थिति में है बुध शुक्र और सूर्य साथ में हो तो लोहे की अंगूठी पहनना नुकसानदेह साबित हो सकता है। ऐसे में चांदी का छल्ला धारण करना बताया जाता है।
- कुंडली में राहु और बुध मजबूत स्थिति में है तो लोहे की अंगूठी पहनना सर्वथा उत्तम होता है।
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।