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अगर ये गलतियां कि तो अगले जन्म में बनेगे इस तरह के जानवर, जानिए!

अगर ये गलतियां कि तो अगले जन्म में बनेगे इस तरह के जानवर, जानिए!
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मृत्युलोक में जिसका भी जन्म हुआ है उसकी मृत्यु अटल है। एक न एक दिन जीव की मृत्यु होती है।

मृत्युलोक में जिसका भी जन्म हुआ है उसकी मृत्यु अटल है। एक न एक दिन जीव की मृत्यु होती है। मृत्युलोक में जीवित रहते हुए व्यक्ति कई ऐसे कार्य करता है जिसे वेदों शास्त्रों तथा पुराणों में निषेध बताया गया है। लेकिन भावनात्मक प्रवाह में पड़कर व्यक्ति वह सब करता है जिसके परिणाम स्वरूप मृत्यु के बाद जीव को नर्क लोक में यातनाएं भोगने पड़ते हैं। आज हम कुछ ऐसे ही विषयों पर चर्चा करेंगे सथ ही यह बताने का प्रयास करेंगे कि किस तरह की गलती में कौन सी यातना मिलती है।

गरुण पुराण देता है जानकारी

गरुण पुराण महापुराणों में से एक है। मृत्यु के पश्चात लगभग 10 दिनों तक गरुण पुराण की कथा कही जाती है। गरुण पुराण में बताया गया है कि शरीर त्यागने के बाद आत्मा स्वर्ग जाती है या फिर उसे नर्क भोगना पड़ता है। यह सब कुछ उसके कर्मों पर निर्भर करता है। जब जीव की मृत्यु होती है तो उसे अपने कर्मों के अनुसार यमलोक में सजा मुकर्रर की जाती है।

कर्मों के अनुसार ऐसा है यमलोग का विधान

  1. गरुण पुराण में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी कुंवारी कन्या या फिर महिला का शारीरिक शोषण करता है तो अगले जन्म में उसे नर्क भोगना पड़ता है। उसका अगला जन्म अजगर के रूप में होता है।
  2. कहा गया है कि जो व्यक्ति अपने शिक्षक या गुरु की पत्नी को बुरी नजर से देखता है। उसे कठोर यम यातना झेलनी पड़ती है। उसका जन्म गिरगिट के रूप में होता है।
  3. अगर कोई इंसान अपने मित्र की पत्नी का शारीरिक शोषण करता है तो उसका अगला जन्म कुत्ते के रूप में होता है।
  4. अगर कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ जबरन उसका अपहरण कर उसका शारीरिक शोषण करता है तो उसे नर्क में कठोर दंड मिलते हैं। अगला जन्म ब्रह्म राक्षस के रूप में धरती पर होता है।
  5. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो स्त्री अपने पति के अलावा अन्य पुरुषों के साथ संबंध बनाती है तो उसे कठोर नर्क यातना मिलती है। उस महिला का अगला जन्म चमगादड़, सांप अथवा गिरगिट के रूप में होता है।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

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