दिवाली की शॉपिंग करनी है और बैंक बेलेंस निल्ल बटे सन्नटा है तो भी इस ट्रिक से निकाल सकते हैं पैसे
दीपावली के त्यौहार में हर जरूरत का सामान इतने बढ़िया ऑफर में मिलता है कि आदमी को लगता है सब कुछ खरीद लें. लेकिन ये बैंक बैलेंस भी ना ऐसे ख़त्म हो जाता है जैसे बाइक का पेट्रोल। लेकिन आपके बैंक बेलेंस में अगर मकड़ी का जाला लग गया है तो भी आप उससे पैसे निकाल सकते हैं। अब आप कहेंगे की क्या फालतू बात कर रहे हो ? लेकिन ये जानकरी एक दम सच है भाई विश्वास मानो।
आप अपने बैंक अकाउंट में मौजूद राशि से ज़्यादा पैसे विथड्रॉ कर सकते हैं। हाँ लेकिन उसके लिए आपके पास सैलरी अकाउंट होना चाहिए और आपका नौकरी में भी होना जरूरी है। अगर आपके पास दोनों है तभी जमा रकम से ज़्यादा राशि की निकासी सम्भव है। तो अब शॉपिंग करने के लिए अपनी सेविंग्स का FD तुड़वाने की ज़रूरत नहीं है। क्या है कि सैलरी ओवरड्राफ्ट के ज़रिये आप ऐसा कर सकते हैं, जिनको पैसों की ज़रूरत है उनके लिए ये बैंक सुविधा मस्त ऑप्शन है।
क्या है सैलरी ओवरड्राफ्ट (Salary Overdraft)
अगर आप नौकरी करते हैं और आपके पास सैलरी अकाउंट है तो इतना समझ लीजिये की आपके पास सैलरी ओवरड्राफ्ट का ऑप्शन है। इस सुविधा के ज़रिये आप मौजूद राशि से ज़्यादा रकम निकाल सकते हैं, वो भी तीन गुना रकम की निकासी हो सकती है। मान लीजिये ये सुविधा एक तरह से लोन है जो आपके बैंक अकाउंट के रिकॉर्ड को देख कर दिया जाता है। उधार ली हुई रकम को ब्याज सहित चुकाना पड़ता है। लेकिन सैलरी ओवरड्राफ्ट का ब्याज क्रेडिट कार्ड से कम होता है और आपको हर महीने के हिसाब से सिर्फ 3% इंट्रेस्ट देना पड़ता है।
पैसे ना हों तो ये बढ़िया विकल्प है
अगर किसी व्यक्ति के पास बैंक अकाउंट में पैसे नहीं है तो उन्हें एक लिमिट तक बैंक से उधर लेने की सुविधा मिलती है। ये पैसे आपको घर, FD या इंश्योरेंस पॉलिसी को कोलेटरल रखने के बाद मिलती है। आप चाहें तो इक्विटी के ज़रिये भी ओवरड्राफ्ट की सुविधा का फायदा उठा सकते हैं। आप जिस दिन से ओवरड्राफ्ट की सुविधा लेते हैं तभी से ब्याज और फीस जुड़ना शुरू हो जाता है।
पैसा निकालने की प्रोसेस आसान है
ओवरड्राफ्ट प्री-अप्रूव्ड होता है और इसकी लिमिट पहले से फिक्स रहती है। आप किसी भी वक़्त लिमिट तक अतिरिक्त पैसा निकाल सकते हैं। हालाँकि बैंकों के आपने अपने नियम कायदे हैं जिनका आपको पालन करना होगा। इस लोन के बदले आपको हर महीने 1 से 3 फीसदी तक ब्याज देना होगा मतलब सालाना 12 से 30 फीसदी ब्याज भरना पड़ेगा