अपना गुल्लक फोड़ दीजिये: GST काउंसिल टैक्स स्लैब 5 से 8% करने वाली है, सब महंगा होगा
GST Council Minimum Tax Rate: अपने-अपने गुल्लक को फोड़ने की तैयारी कर लीजिये, क्योंकि देश में सबकुछ जल्द महंगा होने वाला है, GST काउंसिल ने टैक्स स्लैब को 5% से बढ़ाकर 8% करने का प्रस्ताव पेश करने वाली है. यानी के GST के दायरे में आने वाली हर एक चीज़ 3% महंगी हो जाएगी
शक़्कर, तेल, मसाला, कॉफी, चाय, मिठाई, दूध, दवाई, इन्सुलिन और तमाम ऐसे प्रोडक्ट जो GST के टैक्स स्लेब में आते हैं वो महंगे हो जाएंगे। GST काउंसिल की 47 वीं बैठक होने वाली है. जिसमे काउंसिल Goods And Tax Services की न्यूनतम दर को 5% से 8% करने का फैसला ले सकती है।
ऐसा क्यों कर रहे हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपने राजस्व को बढ़ाने और क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र पर राज्यों की निर्भरता काम करने के लिए टैक्स स्लेब को बढ़ाया जा सकता है. राज्यों के वित्त मंत्रियों का ग्रुप (GOM) GST काउंसिल को इसी महीने अपनी रिपोर्ट पेश कर सकता है. जसमे मिनिमम टैक्स रेट को बढ़ाने का प्रस्ताव हो सकता है।
GST की चार दरें हैं
देश में GST के चार टैक्स स्लेब है 5%, 12%, 18%, और 28%. आवश्यक वस्तुओं को सबसे कम टैक्स वाले केटेगरी में शामिल किया गया है. जैसे मसाला, दूध, अनाज, तेल आदि. वहीं कम जरूरी और लग्जरी उत्पादों के हिसाब से टैक्स बढ़ता रहता है। GOM सबसे कम दर वाले 5% टैक्स को बढ़ाकर 8% करने की मांग रख रहा है. मतलब अगर आप 300 रुपए में चायपत्ती के एक किलो का पैकेट लेते हैं तो 8% होने के बाद वो आपको 309 रुपए का मिलेगा।
क्या-क्या महंगा होगा
5% वाले GST स्लैब में जरूरत के सारे सामान आते हैं. जैसे खाद्य तेल, मसाले, चाय, कॉफी, चीनी, मिठाई, काजू, इंसुलिन जैसी जीवन रक्षक ड्रग्स व मेडिसिन, सिक्के-पदक, बर्फ, वॉकिंग स्टिक, दिव्यांगों के काम आने वाली एक्सेसरीज, अप्लायंससेस, बायोगैस, फर्टिलाइजर्स, अगरबत्ती, कोयला, फ्लाई एश ब्लॉक्स, संगमरमर का मलबा, मैटिंग, कॉयर मैट्स और फ्लोर कवरिंग, विंड-बेस्ड आटा चक्की या पवन चक्की, नेचुरल कॉर्क, ईंधन खर्च के बिना मोटर कैब किराए पर लेना, एसी वाहनों, रेडियो टैक्सियों से ट्रांसपोर्ट सर्विसेस, एयरक्राफ्ट लीजिंग, हवाई मार्ग से तीर्थ शेड्यूल्ड परिवहन या यात्रा,(चार्टर्ड उड़ान भी), टूर ऑपरेटर सर्विसेस।, प्रिंट मीडिया एडवर्टाइजिंग स्पेस, न्यूजपेपर प्रिंटिंग में रोजगार, देश के बाहर जहाज से माल भेजना।