Farmer Subsidy In India: जामुन की खेती करने वाले किसानो के लिए खुशखबरी, सरकार दे रही सब्सिडी, जानिए!
Farmer Subsidy In India: देश में बढ़ रही मधूमेह रोगियों की संख्या भारत देश को विश्व में मधुमेह का हब कहा जाने लगा है। मधुमेह रोग में जामुन का सेवन बहुत कारगर है। ऐसे में जामुन की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है। वैसे तो देश के कई राज्यों में जामुन की ख्ेती होती है। वहीं देश के महाराष्ट्र के पालघर तालुका में जामुन का खूब उत्पादन होता है। जामुन का फल तोड़ने में किसानों को परेशानी होती है। ऐसे में किसान सराकर से सहायता की मांग काफी समय से कर रहे थे। जिस पर सरकार ने किसानों की मांग पूरी कर 10 लाख रूपये सहायता देने का प्रावधान किया है।
ऐसा होता है जामुन का पेड़
जामुन का पेड़ वैसे तो शख्त होता है लेकिन इसकी डाल कमजोर होती है। जामुन के फल ज्यादातर डालियों के आखिरी सिरे में लगा होता है। ऐसे में जामुन का फल तोडने में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना होता है। जामुन के फल गुच्छे में होते हैं। यह एक साथ नही पकते हैं। अगर पूरा गुच्छा एक साथ पक जये तो उसे आसानी से तोड़ा जा सकता है।
जामुन तोड़ने का यंत्र है परांची
जानकारी के अनुसार जामुन का फल तोड़ने के लिए परांची नामक एक औजार का प्रयोग किया जाता है। जिसकी सहायता से जामुन के फलों के आसनी से तोड़ा जाता है। लेकिन किसानों का कहना है कि परांची बनाने में काफी पैसा खर्च होते है। एक अनुमान के मुताबिक इसमें करीब 100 बांस की आवश्यकता होती है।
सरकार ने दी सहायता
किसानों की इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सब्सिडी जिला परिषद के माध्यम से परांची बनाने के लिए 10 लाख रूपये की सहायता देने का प्रावधान किया गया है। सरकार की इस घोषणा के बाद जामुन उत्पादन किसानों में खुशी की लहर है।
बहाडोली गांव है जामुन उत्पादन के प्रसिद्ध
वैसे तो देश के हर राज्यों में जामुन के पौधे पाये जाते हैं लेकिन महाराष्ट्र के पालघर तालुका का बहाडोली गांव जामुन उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। एक आनुमान मे मुताबिक बहाडोली गांव में करीब 6 हजार पेड़ हैं। जिसमें कई उच्च गुणवत्ता वाले पौधों हैं।
यहां के मौसम के वहज से मार्च के महीने में जामुन के पेड़ों मे ंफल आने लगते हैं। कृषि वैज्ञानिको अनुसार बहाडाली गांव की मौसम जामुन उत्पादन के लिए उपयुक्त है। ऐसे कृषि वैज्ञानिक जामुन का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत है।
आज कृषि वैज्ञानिकों के प्रयास से 6 उच्च गुणवत्ता वाले जामुन के पौधों को विकसित किया जा चुका है। वह अब फल देते हैं।
इनके सम्बंध में बताया जाता है कि इनका स्वाद हल्का खट्टा होने के साथ हल्का मीठा होता है। लेकिन इसकी मिठास में शुगर की मात्रा नही होती। इसमें गुठली न के बाराबर पाई जाती है।
सुगर रोगियों के लिए उपयोगी
सुगर रोगी अगर जामुन का सेवन करते हैं तो रक्त से सुगर की मात्रा घटने लगती है। कहा गया है कि अगर सुगर के रोगी प्रतिदिन जामुन का सेवन करें तो काफी हद तक सुगर रोग से छुटकार मिल जाता है। वही जामुन की गुठली का चूर्ण बनाकर खाने से सुगर रोग नियंत्रित रहता है।