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पांच राज्यों के चुनाव बने ढाल, वरना यूक्रेन रूस युद्ध से 130 रुपए तक पहुंच जाता पेट्रोल-डीजल

पांच राज्यों के चुनाव बने ढाल, वरना यूक्रेन रूस युद्ध से 130 रुपए तक पहुंच जाता पेट्रोल-डीजल
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Crude Oil Price: रूस यूक्रेन युद्ध से अंतराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल 110 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है लेकिन भारत में एक पैसे भी कीमत नहीं बढ़ी

Crude Oil Price: यूक्रेन रूस जंग से अंतराष्ट्रीय बाजार में मंदी देखने को मिलने लगी है, शेयरमार्केट, इम्पोर्ट एक्सपोर्ट, तेल और खाद्य सामग्रियां महंगी होने लगी हैं. सबसे ज़्यादा असर कच्चे तेल यानी के क्रूड ऑयल में पड़ा है. बुधवार को इस जंग से क्रूड ऑयल की कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है. हैरान करने वाली बात ये है कि भारत में इसका कोई असर नहीं दिखा है, क्योंकि देश के 5 राज्यों में चुनाव जो चल रहा है।

वैसे सरकार कहती है कि पेट्रोल डीज़ल की कीमत क्रूड ऑयल के बढ़ते-घटते रेट के हिसाब से रोजाना तय होती है, लेकिन 10 नवंबर के बाद क्रूड ऑयल की कीमत कम भी हुई और उच्चतम कीमत में भी पहुंच गई लेकिन भारत में 1 रुपए भी दाम नहीं बढे. इसकी वजह, पंजाब, गोवा, यूपी, मणिपुर और उत्तराखंड में चल रहे विधानसभा चुनाव हैं.

क्रूड ऑयल के दाम 150 भी जाएंगे

दो फरवरी को क्रूड ऑयल की कीमत 89 डॉलर प्रति बैरल थी और अब एक महीने बाद इसकी कीमत 110 डॉलर हो गई, एक महीने के अंदर 31 डॉलर कीमत बढ़ी लेकिन भारत के राज्यों में कहीं भी एक पैसे ही बढ़त नहीं हुई. क्रूड के भाव साल 2014 के बाद सबसे उचाई पर हैं।

ग्लोबल फर्म गोल्डमैन सैश ने अनुमान लगाया है कि आगे जाकर क्रूड ऑयल की कीमत 150 डॉलर प्रति बैरल हो जाएगी। इस हिसाब से पेट्रोल की कीमत 50 से 60 रुपए बढ़ जाएगी। लेकिन अच्छा है कि देश में चुनाव हो रहे हैं, ऐसे ही होते रहने चाहिए

चुनाव न होता तो क्या होता

चुनाव न होता तो आम आदमी साईकिल में चलने लगता। पेट्रोल के रेट इतने बढ़ जाते कि लोग नरेंद्र मोदी को देखकर ही कोसना शुरू कर देते। जैसे मध्यप्रदेश के रीवा जिले में वर्तमान में पेट्रोल 109 रुपए 74 पैसे चल रहा है तो इसमें आप 25 रुपए और जोड़ दीजिये। क्रूड ऑयल के रेट के हिसाब से पेट्रोल की कीमत अपने आप 25 से 30 रुपए बढ़ जानी चाहिए लेकिन अच्छा है देश में चुनाव हैं.

119 दिन से दाम नहीं बढे

आपको पिछले दिसंबर की कहानी तो याद होगी, जब क्रूड सस्ता था तो मोदी सरकार और तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीज़ल के दाम 120 रुपए तक पहुंचा दिए थे, फिर जब जनता ने रोई-पीटी मचाई तो सरकार ने एहसान करते हुए एक्साइज ड्यूटी कम कर दी, और पेट्रोल डीज़ल लगभग 10 रुपए सस्ते हो गए. बीते 119 दिन से वही दाम में ईंधन मिल रहा है. जबकि इस दौरान कई बार क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ी-घटी है। बीते 3 नवंबर से कोई बदलाव नहीं आया है.

चुनाव बाद क्या होगा

चुनाव के बाद क्या हाल होगा यह सोचकर डर लगने लगता है, क्रूड महंगा होने के बाद भी जिस कीमत में पेट्रोल और डीज़ल मिल रहा है फिर उसके दाम ऐसे भागेंगे की पान सिंह तोमर पीछे छूट जाएगा। अभी तो क्रूड 33 डॉलर तक महंगा हुआ है तो चुनाव बाद पेट्रोल-डीज़ल 25 से 30 रुपए महंगे होंगे ही होंगे साथ ऑयल कंपनियां अपने घाटे को पूरा करने के लिए भी तो अलग से रेट बढ़ाएगी। और अगर क्रूड 150 डॉलर के पार गया तो तो फिर बाइक में आग लगाने के लिए भी पेट्रोल खरीदना मुश्किल हो जाएगा।



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