नई दिल्ली। खाने के तेल की बढ़ती हुई कीमतों को देखते केन्द्र की मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया हैं। सरकार इन तेलों में लगने वाली कस्टम ड्यूटी में कटौती करने का फैसला किया है। जिससे अब आम लोग इन तेलों को सस्ते दर में खरीद सकेंगे। इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने बीते दिनों एक नोटीफिकेशन जारी करते हुए बताया कि कच्चे पाम तेल में लगने वाले आयात शुल्क में 10 प्रतिशत कमी करके 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह कच्चे सोया तेल एवं कच्चे सूरजमुखी तेल में 7.5 फीसदी से घटाकर इसे 2.25 फीसदी कर दिया गया है। यह कटौती शनिवार से प्रभावी हो जाएगी।
इतने पैसे कमी की उम्मीद
सॉल्व एक्सट्रैर्क्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बीवी मेहता ने कहा कहा कि कर शुल्क में की गई कटौती से पाम तेल, कच्चे सोया तेल एवं कच्चे सूरजमुखी तेल पर प्रभावी शुल्क घटकर 24.75 फीसदी रह जाएगी। इसी तरह रिफाइंड पाम तेल, सोया तेल एवं सूरजमुखी तेलों में प्रभावी शुल्क 35.75 फीसदी होगा। बीवी मेहता ने साफ किया सरकार द्वारा शुल्क में की गई इस कटौती से खुदरा कीमतों में 4 से 5 रूपए प्रति लीटर की कमी आ सकती है।
आगे श्री मेहता ने कहा कि आमतौर पर देखा जाता है कि सरकार द्वारा शुल्क कम करने पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ जाती हैं। इसलिए खाद्य तेलों की कीमतों में कटौती का वास्तविक प्रभाव दो से तीन रूपए प्रति लीटर रह सकता है। श्री मेहता कहते है कि सरकार खाद्य तेलों में नरमी लाने के लिए रैपसीड आयात शुल्कों में भी कमी करनी चाहिए।
फेस्टिव सीजन में मिलेगी राहत
सितम्बर का महीना फेस्टिव सीजन से भरा हुआ है। ऐसे में इस दरम्यान तेलों की सबसे ज्यादा खरीदी देखने को मिलती हैं। सरकार द्वारा कच्चे तेलों में की गई शुल्क कटौती से आम लोगों को थोड़ी राहत जरूरी मिलेगी। बता दें कि बीते कुछ दिनों तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा था। जिससे आम व्यक्ति की जेबें ढीली हो रही थी। तो वही अब तेलों में की गई शुल्क कटौती से आम उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।