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Dragon Fruit Farming In Hindi 2022: विदेशी कंपनी की नौकरी का ऑफर ठुकराया, ड्रैगन फ्रूट्स की खेती में की मेहनत, अब हर महीने कमा रहे ₹4 लाख

Dragon Fruit Farming
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Dragon Fruit Farming

Dragon Fruit Farming: यह जानकारी उन नौजवानों के लिए है जो आज भी खेती-किसानी को हेय दृष्टि से देखते हैं।

Dragon Fruit Farming In Hindi: यह जानकारी उन नौजवानों के लिए है जो आज भी खेती-किसानी को हेय दृष्टि से देखते हैं। साथ ही यह समाचार उन लोगों के लिए भी है जो खेती में कुछ करना चाह रहे हैं। आज खेती केवल भरण-पोषण तक ही सीमित नही है। कई ऐसी औषधीय, फल तथा फूल की खेती किसानों द्वारा की जा रही है जिसमें भरपूर लाभ मिलता है। उत्तर प्रदेश के कौशांबी के एक लाल ने कमल कर पूरे क्षेत्र के लिए उदाहरण बन गये है। आइये जाने इस युवा किसान के बारें में।

कहां और काहे की कर रहे खेती

जानकारी के अनुसार उप्र के कौशांबी जिले के सिराथू तहसील के टेगाई गांव के रहने वाले किसान रवींद्र पांण्डेय आज ड्रैगन फ्रूट की खेती कर लाखों रूपये कमा रहे हैं। रवींद्र यह खेती अपने गांव में कर रहे हैं और अपने पूरे क्षेत्र के युवाओं के लिए उदाहरण बनें हुए हैं।

छोड़ी विदेश की नौकरी

बताते हैं कि रवींद्र एक पढ़े लिखे युवा हैं। रवींद्र ने गणित विषय से स्नातक किया। इसके बाद उन्हे विदेशी कंपनियों में नौकरी के लिए आफर आने लगा। लेकिन रवींद्र बाहर जाकर नौकरी करने के पक्ष में नही थे। उनके मन में अपने देश तथा अपनों के बीच कुछ करने की इच्छा थी।

कृषि गोष्ठी आई काम

कहते हैं रवींद्र को कृषि गोष्ठी काम आई। बताते है कि वह करीब 7 वर्ष पूर्व एक कृषि गोष्ठी में गये हुए थे। वहां उनकी मुलाकात तत्कालीन डीएम अखंड प्रताप से हुई। वहीं उन्हें ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में जानकारी मिली थी।

62 हजार से की शुरूआत

किसान रवींद्र बताते हैं कि वह अपने पुरखों की जमीन के 10 बिस्वा रकवे में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का मन बनाया। उन्होने अपने पिता सुरेश चंद्र पाण्डेय से बात की। उनकी अनुमति मिलने के बाद उन्होने तैयारी शुरू कीं। पिता से करीब 62 हजार रूपये लेकर वह की लागत से काम शुरू किया। ड्रैगन फ्रूट की पौधे लाकर नर्सरी तैयार की।

कितनी हो रही कमाई

इस समय रवींद्र ड्रैगन फ्रूट और उसके पौधे बेचकर करीब सालाना 4 लाख रूपये कमा रहे हैं। यह शुरूआती समय है जैसे-जैसे काम बढ़ता जायेगा। इस कार्य में आमदनी भी बढ़ेगी। साथ ही क्षेत्र के किसानां को इस काम से जोड़ रहे है। सिराथू से प्रयागराज नजदीक है। ऐसे में एक बड़ा बाजार भी रवीद्र को मिल रहा है।

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