टेरर फंडिंग का सहारा बन रही डिजिटल मुद्रा! क्रिप्टोकरेंसी को लेकर PM मोदी ने ली बैठक, इन्वेस्टर्स को झटका
मोदी सरकार ने अवैध तरीके से हो रहे क्रिप्टो के कारोबार को लेकर शनिवार को बैठक की, पीएम ने आतंकियों के लिए टेरर फंडिंग और काला धन जमा करने वालों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का माध्यम बने क्रिप्टोकरेंसी के एक्सचेंज के खिलाफ कार्रवाई करने ने निर्देश दिए हैं। बीते दिन मोदी ने वित्त मंत्रालय और RBI सहित गृह मंत्रालय के साथ बैठक लो थी। पता चला है कि प्रधानमंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलाइज करने की निति के बारे में पूंछा है।
भ्रामक विज्ञापनों पर लगेगी रोक
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक इस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी और उससे जुड़े सभी मामलों में पाई ने समीक्षा की है। और यह भी कहा गया है कि युवाओं को क्रिप्टो के नाम पर बहकाने वाले भ्रामक विज्ञापनों पर भी रोक लगाई जा सकती है। क्रिप्टो के नामपर युवाओं को गुमराह करने वाले अपारदर्शी एडवर्टाइज़िंग पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैंI
मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का गढ़ नहीं बनने दिया जा सकता
बैठक में अवैध क्रिप्टो मार्केट्स को लेकर सबसे ज़्यादा चर्चा हुई जिसमे यह कहा गया की क्रिप्टो को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का ग्रह नहीं बनने दिया जा सकता। वहीँ सरकार क्रिप्टो से जुड़े हर पहलू पर तकनिकी रूप से निगरानी भी रखेगी।
RBI भी लाने वाला है अपनी डिजिटल करेंसी
पता चला है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी अपनी डिजिटल करेंसी लाने की योजना बनाई है। हालाँकि अभी तक RBI ऐसा कब करेगी इसकी जानकारी स्पष्ट रूप से शेयर नहीं की गई है लेकिन संभवतः इस साल दिसंबर तक RBI इस सम्बन्ध में घोषणा कर सकता है।
इन्वेस्टर्स हो रहे परेशान
RBI और केंद्र सरकार का क्रिप्टो को लेकर जो रुख है उससे भारत के क्रिप्टो इन्वेस्टर्स चिंता में पड़ गए हैं। भारत में लगभग 5 करोड़ लोग क्रिप्टो में इन्वेस्ट करते हैं और ये संख्या तेज़ी से बढ़ती जा रही है। लोगों को लग रहा है कि कहीं सरकार भारत में क्रिप्टो के चलन को बंद ना कर दे। हालाँकि क्रिप्टो करंसी में किसी भी देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण नहीं रहता है। और ना ही सरकार इसे रोक सकती है। ये बात अलग है की सरकार इसे अपने देश में अवै घोषित कर सकती है जैसे कुछ महीने पहले चाइना ने किया है